WAC 2023: किसान की बेटी ने नेशनल रिकॉर्ड बनाकर बढ़ाया देश का मान

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देश के गोल्डन बॉय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है, वहीं इसी चैंपियनशिप में देश की बेटी पारुल चौधरी ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में नेशनल रिकॉर्ड बनाया है, और देश का नाम रोशन कर दिया।

पारुल ने पेरिस 2024 ओलंपिक में जगह पक्की कर ली है। मेरठ की रहने वाली भारत की स्टार धाविका पारुल चौधरी ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 9:15.31 के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ललिता बब्बर के नाम था, जिसे पारुल ने तोड़कर पेरिस ओलंपिक में अपनी जगह भी सुनिश्चित कर ली है।

पारुल मेरठ के दौराला इलाके के इकलौता गाँव की निवासी हैं। उनके पिता कृष्ण पाल सिंह एक किसान हैं, जबकि उनकी मां राजेश देवी गृहणी हैं। वह चार भाई-बहन में तीसरे नम्बर की संतान हैं। उनके माता-पिता ने काफी मुश्किलों का सामना करते हुए बच्चों की परवरिश की। पारुल ने भी काफ़ी संघर्ष के बाद यह मुकाम हासिल किया है। वह रोज़ कई किलोमीटर पैदल चलकरअपने गाँव से बाहर जातीं और फिर बस से मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में ट्रेनिंग के लिए पहुँचती थीं।

उनके संघर्ष और लगातार मेहनत का ही नतीजा है कि आज वह देश की टॉप धावकों में से एक हैं। पिछले साल पारुल ने लॉस एंजिलिस में 3000 मीटर की दौड़ में नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। यह उपलब्धि उन्होंने साउंड रनिंग सनसेट टूर वन के दौरान हासिल की थी और महिलाओं की 3000 मीटर स्पर्धा में नौ मिनट से कम समय लेने वाली देश की पहली एथलीट बनी थीं। मेरठ के गाँव से बुडापेस्ट तक का यह सफ़र ज़ाहिर है कि आसान नहीं था लेकिन आज पारुल ने जो कामयाबी पाई है