अडानी-हिंडनबर्ग : सुप्रीम कोर्ट ने सेबी जांच की समय सीमा 14 अगस्त तक बढ़ाई

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के लिए 14 अगस्त, 2023 तक का समय बढ़ा दिया, जिससे अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ स्टॉक मूल्य हेरफेर के आरोपों की जांच पूरी की जा सके।

6 महीने का और समय मांगा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने सेबी द्वारा दायर आवेदन में आदेश पारित किया, जिसमें जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का और समय मांगा गया। सुप्रीम कोर्ट के दो मार्च के आदेश के अनुसार दो महीने का समय मूल रूप से दो मई को समाप्त हो गया।

खंडपीठ ने न्यायालय द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी से भी अनुरोध किया कि वह न्यायालय की सहायता करना जारी रखे और निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम सप्रे की अध्यक्षता वाली एक्सपर्ट कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की प्रतियां मामले के पक्षकारों के साथ साझा की जाएं।

खंडपीठ ने आगे सेबी को अब तक की गई जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कम से कम 6 महीने की मोहलत मांगी।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने एसजी से कहा

सीजेआई चंद्रचूड़ ने एसजी से कहा, “हमने 2 महीने का समय दिया और अब इसे अगस्त तक बढ़ा दिया, जो इसे 5 महीने कर देता है। यदि आपको कोई वास्तविक कठिनाई है तो हमें बताएं।”

दो दिन पहले सेबी ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए और समय मांगने के लिए अतिरिक्त कारण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में प्रत्युत्तर हलफनामा दायर किया।

सेबी ने कहा कि लेनदेन जटिल हैं और जांच के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। प्रतिभूति बोर्ड ने याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप का भी खंडन किया कि वह 2016 से अडानी की जांच कर रहा है।

(दिल्ली ब्यूरो की रिपोर्ट)