चीन में गई शी जिनपिंग की सत्ता ? डॉ स्वामी के ट्वीट ने फैलाई दुनिया में सनसनी !

सोशल मीडिया पर चीनी राष्ट्रपति को लेकर तेजी से अफवाह फैल रही है कि उन्हें उनके ही हाउस में अरेस्ट कर लिया गया है दावा किया जा रहा है कि जब वो शंघाई सहयोग संगठन में चीन की ओर से शामिल होने के लिए ताशकंद गए हुए थे, उसी दौरान उन्हें सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया हालांकि इस दावे की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विट करते हुए कहा है कि “चीन को लेकर एक नई अफवाह है, जिसकी जांच की जाएगी। क्या शी जिनपिंग नजरबंद हैं?
माना जा रहा है कि जब जिनपिंग हाल ही में समरकंद में थे, तब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उसके बाद अफवाह है कि उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया।” इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है। जानकारी के लिए बता दें कि डॉ स्वामी को चीन के नजदीक माना जाता है। उन्हें ही चीन के साथ बातचीत कर के मानसरोवर यात्रा विवाद का हल निकालने का श्रेय दिया जाता है।
New rumour to be checked out: Is Xi jingping under house arrest in Beijing ? When Xi was in Samarkand recently, the leaders of the Chinese Communist Party were supposed to have removed Xi from the Party’s in-charge of Army. Then House arrest followed. So goes the rumour.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 24, 2022
चीनी सोशल मीडिया यूजर्स ने भी किया यही दावा कि अपने ही हाउस में अरेस्ट हुए जिनपिंग
चीन के ही कुछ सोशल मीडिया यूजर्स की ओर से दावा किया गया है कि जिनपिंग को हाउस अरेस्ट में रखा गया है इसके अलावा ये भी दावा किया जा रहा है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शी जिनपिंग को राष्ट्रपति के पद से हटा दिया है और सत्ता अपने हाथ में ले ली है। कहा जा रहा है कि अब चीन के राष्ट्रपति ली कियाओमिंग चीन के नए राष्ट्रपति बन गए हैं फिलहाल अभी इन खबरों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है तो ऐसे में अभी तक की सच्चाई ये है कि जिनपिंग हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है और न ही चीन में कोई तख्तापलट हुआ है।
दरअसल चीन में इस हफ्ते दो पूर्व मंत्री को मौत और चार अधिकारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। बताया जा रहा है कि ये एक ‘राजनीतिक गुट’ का हिस्सा थे। इस समय कम्युनिस्ट पार्टी का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चल रहा है। माना जा रहा है कि ये अधिकारी और पूर्व मंत्री जिनपिंग के विरोधी थे ऐसा माना जा रहा है कि जिनपिंग विरोधी खेमे की ओर से यह अफवाह फैलाई गई है ।