चंडीगढ़ विवाद: हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पेश, जानें CM मनोहर क्या बोले?

हरियाणा: हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबोधन के दौरान कहा पंजाब विधानसभा की तरफ से 1 अप्रैल को पास किए गए प्रस्ताव के बाद 1 दिन का ये विशेष अधिवेशन बुलाया गया। चंडीगढ़ पर हरियाणा का अधिकार, बीबीएमबी में हमारा स्टेक और हमारे अधिकारियों की नियुक्ति पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। पंजाब द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव की आज सभी नेताओं ने निंदा की। 1955 से आज तक ये विषय चला आ रहा है जिसके बाद राजीव लोंगोवाल समझौता हुआ, शाह कमीशन भी बनाया गया।सभी समझौतों की शर्तें और बातें भिन्न रही।
सीएम बोले एसवाईएल के विषय में भी सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में अपना फैसला दिया जिसके बाद 2003 में सीपीडब्ल्यूडी को यह नहर बनाने की बात कही गई। पंजाब ने 2003 में ही फिर से एक विवादास्पद और अवैध एक्ट पास किया। 2004 से 2016 तक यह मामला अटका रहा लेकिन 2016 में फिर से सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल के पानी पर हमारा हक माना लेकिन उसका एग्जीक्यूशन आर्डर अभी तक नहीं मिला।
हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पेश
CM मनोहर ने कहा अगर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट भी करना है तो वह किस पर किया जाए इसके लिए सलाह जरूर करेंगे। आम आदमी पार्टी के लिए एसवाईएल एक दुविधा का विषय है। पंजाब में उनका स्टैंड कुछ और जबकि उनके प्रभारी सुशील गुप्ता का अपना अलग स्टैंड है। अरविंद केजरीवाल अभी तक इस पर कोई स्टैंड ले ही नहीं पाए वह कोई भी स्टैंड ले लेकिन इस पर उन्हें जरूर दुविधा होगी।
जानें CM मनोहर क्या बोले?
उन्होनें कहा सभी साथियों का धन्यवाद और बधाई, सबने हमारे प्रस्ताव का समर्थन किया। 1955 से विषय उठा हुआ है, हिंदी भाषी क्षेत्रों को अलग करने की बात कही। शाह कमीशन ने खरड़ तहसील को चंडीगढ़ में रखने की बात कही, केंद्र की कैबिनेट तब कहा कि खरड़ के पंजाबी हिस्से को पंजाब, हिंदी भाषी खरड़ को हरियाणा को दिया। इंदिरा गांधी अवार्ड में कहा चंडीगढ़ पंजाब को, 105 हिंदी भाषी गांव हरियाणा को मिले।