मान्यवर के एक विज्ञापन पर हुआ विवाद, आलिया पर भड़के ट्रोलर्स, बोले- ‘सस्ती टीआरपी के लिए हिंदू रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाना बंद करो’

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बॉलीवुड। कुछ दिन पहले ही कमला पसंद के विज्ञापन को लेकर अमिताभ बच्चन के विवादों में आने के बाद अब आलिया भट्ट भी मान्यवर के अपने नये विज्ञापन को लेकर विवादों में आ गईं हैं। इस विज्ञापन में आलिया भट्ट एक दुल्हन के रूप में शादी के मंडप में बैठी नज़र आ रही हैं। और कन्यादान की परम्परा पर एक-एक कर सवाल उठाती हैं।

कन्यादान ही क्यों? नया विचार ‘कन्यामान’

वो पूछती हैं कि ‘क्या मैं कोई दान करने वाली चीज़ हूँ।‘ फिर वो याद करती हैं कि मां उन्हें चिड़िया और बाबा पराया धन कहकर कैसे उन्हें परायेपन का एहसास दिलाते हैं। अंत में कन्यादान ही क्यों? नया विचार ‘कन्यामान’ पर विज्ञापन ख़त्म हो जाता है।

यूजर्स ने किया ट्रोल

सोशल मीडिया पर जैसे ही लोगों ने विज्ञापन देखा वो भड़क उठे। उन्होंने इसे हिंदू धर्म का अपमान करने वाला विज्ञापन बताया और इस विज्ञापन को बैन करने की मांग करने लगे। कुछ लोगों ने इसे फेमिनिज़्म बताया तो वहीं एक यूजर ने लिखा  कि  ‘किसी को भी हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों को बिना समझे गलत तरीके से प्रस्तुत करने या टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। इस विज्ञापन को बैन किया जाना चाहिए।‘

एक दूसरे यूजर ने लिखा कि ‘पहले सिर्फ हिंदू त्योहारों को निशाना बनाया जाता था और अब हमारी प्रथाओं और रीति-रिवाजों को प्रचार और सस्ते पीआर के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अब बहुत हो चुका, इसे बैन किया जाना चाहिए।’

क्या है कन्यादान?

‘कन्यादान’ का शाब्दिक अर्थ होता है ‘कन्या का दान’। इसमें शादी के मंडप मे पिता अपनी बेटी का हाथ वर के हाथ में रखते हुए शादी के बाद उसका ख़्याल रखने का उससे वचन लेता है और बेटी की जिम्मेदारी उसे सौंप देता है । वेदों और पुराणों के अनुसार विवाह में वर भगवान विष्णु और वधु माता लक्ष्मी का रुप होती हैं। कन्यादान करने वाले माता-पिता सौभाग्यशाली माने जाते हैं। कहा जाता है इससे बड़ा पुण्य का काम कोई नहीं।