
CM Yuva Udyami Yojana: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की एक बड़ी पहल की है. जिसमें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना के माध्यम से प्रदेश को उद्यमिता का मॉडल राज्य बना दिया है. इस योजना के तहत सरकार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित तो कर ही कही है, बल्कि बिना ब्याज और बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराकर उनके सपनों को बदलने का प्रयास भी कर रही है. इस मामले को लेकर यूपी सरकार अब तक 53,000 से अधिक युवाओं के ऋण आवेदनों को स्वीकार करते हुए 40,000 को ऋण वितरित भी कर चुकी है.
इतना ही नहीं इस योजना को देश के लिए एक मिसाल माना जा रहा है, जिसको देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि योजना के तहत बिना गारंटी और बिना ब्याज के ही लोगों को 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, जिसके चलते युवा लघु उद्योग स्थापित कर अपने सपनों को उड़ान दे सकते हैं.
10 लाख युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार
“हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर” के इस मिशन के चलते इस योजना का टारगेट आने वाले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर को प्रदान करना है. उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के मुताबिक, 16 मई 2025 तक इस योजना के तहत कुल 2,44,045 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 1,10,105 आवेदनों को बैंकों को दिया गया है. इतना ही नहीं इन आवेदनों में से लगभग 53,649 को स्वीकार भी कर लिया गया है और 39,835 युवाओं को अब तक ऋण वितरित किया जा चुका है.
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ऋण प्राप्त करने वालों में 30 प्रतिशत महिलाएं
दरअसल योजना के तहत महिलाओं और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं, जो अपनी पहचान उद्यमिता के क्षेत्र में बना रही हैं. वहीं दूसरी तरफ 48.5 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) के साथ-साथ 2.5 प्रतिशत अल्पसंख्यक युवाओं को इस योजना का लाभ मिला रहा है. जो समावेशी दृष्टिकोण योजना को और भी प्रभावी बना रहा है.
योजना में बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान
बैंकों की भूमिका भी ऋण वितरण में अहम रही है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सर्वाधिक 6684 युवाओं को ऋण प्रदान किया है. जिसमें इंडियन बैंक (4459), बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक (3624) बैंक ऑफ बड़ौदा (5489) और पंजाब नेशनल बैंक (4770), इन बैंकों में शामिल हैं. इस योजना को सफल बनाने के लिए इन बैंकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र में निवेश
इतना ही नहीं इस योजना से मिल रही धनराशि का उपयोग युवा कई क्षेत्रों में कर रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो, 36 प्रतिशत से ज्यादा ऋण का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर में किया गया है, जिसमें डेयरी उत्पादन, फर्नीचर निर्माण, आटा चक्की जैसे उद्योग शामिल हैं. हालांकि, 64 प्रतिशत लाभार्थियों ने सेवा क्षेत्र में निवेश किया है, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस, फिटनेस सेंटर, टेंट हाउस और मोबाइल रिपेयरिंग, जैसे व्यवसाय हैं.
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