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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 31 जुलाई तक सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड 12वीं का रिजल्ट करें घोषित

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में कक्षा 12वीं के छात्रों के रिजल्ट को लेकर दायर की गई एक याचिका में आज सुनवाई खत्म हुई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए समान मूल्यांकन नीति (Equivalence Evaluation Policy) बनाना असंभव है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट 24 जून 2021 को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सुनवाई के दौरान जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि प्रत्येक बोर्ड स्वायत्त और अलग हैं। इसलिए अदालत ने इन्हें समान योजना को अपनाने का निर्देश नहीं दे सकती है। 

न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा कि हम पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए समान योजना बनाने का निर्देश नहीं दे सकते हैं। प्रत्येक बोर्ड को अपनी योजना तैयार करनी होगी। उन्हें इसके बारे में ज्यादा पता है और उनके पास सही सलाह देने वाले विशेषज्ञ भी मौजूद हैं।

सुनवाई खत्म होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों को 24 जून से 10 दिनों के अंदर मूल्यांकन के लिए योजना को अधिसूचित करने और 31 जुलाई तक आंतरिक मूल्यांकन का रिजल्ट घोषित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीबीएसई और आईसीएसई की तरह निर्दिष्ट समयरेखा बनाने को कहा है।

इसका मतलब है कि 4 जुलाई के आस-पास सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड कक्षा 12वीं के छात्रों का परिणाम घोषित करने के लिए तैयार की गई मूल्यांकन नीति का विवरण जारी करेंगे।

आंध्र प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश सरकार ने जुलाई के आखिरी सप्ताह में 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च नयायालय ने कहा कि राज्य के पास एक ठोस योजना होना चाहिए। इसके साथ ही राज्य को एक निर्णय लेना होगा। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश छात्रों के जीवन के साथ कैसे खेल सकता है?

 

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