दिल्ली की लाइफलाइन यमुना को मिलेगा नया जीवन, पीएम मोदी ने शुद्धिकरण के लिए शुरू किया 3 लेयर प्लान

यमुना नदी की सफाई के लिए पीएम मोदी द्वारा शुरू किया गया 3-लेयर प्लान दिल्ली के प्रदूषण को घटाने में मदद करेगा।
Yamuna River Cleaning : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यमुना सफाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था और वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद यमुना को साफ करेंगे। जिसको लेकर गुरुवार (17 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई को लेकर हाई लेवल मीटिंग की गई। इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में यमुना को साफ करने के लिए तीन लेयर की योजना पर चर्चा हुई। नदी की सफाई के लिए एक समग्र और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाने पर सहमति बनी। बता दें कि सरकार का लक्ष्य यमुना नदी को पुनर्जीवित करने और दिल्लीवासियों को स्वच्छ नदी का अनुभव प्रदान करना है।
क्या है तीन लेयर वाला प्लान आइए जानते हैं :
तीन लेयर वाला प्लान
PM मोदी की अध्यक्षता में यमुना सफाई पर हुई इस हाई लेवल बैठक में तीन लेयर योजना पर चर्चा हुई है। जिसके तहत नदी को साफ करने के लिए ‘जन आंदोलन’ चलाया जाएगा।
- अल्पकालिक (3 महीने)
- मध्यमकालिक (3 महीने से 1.5 साल)
- दीर्घकालिक (1.5 से 3 साल)
वहीं इस बैठक में सरकार का प्रमुख फोकस ड्रेन और सीवेज मैनेजमेंट, औद्योगिक और डेयरी अपशिष्ट नियंत्रण, ठोस कचरा निस्तारण, नदी के प्रवाह को पुनर्स्थापित करना और नदी तटों को हरित रूप देने पर रहा।
प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर
गौरतलब हो कि दिल्ली में यमुना नदी की सफाई एक बड़ी चुनौती है। पिछले कुछ सालों में सरकारों ने कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन प्रदूषण का स्तर अभी भी गंभीर है। दिल्ली के कालिंदी कुंज घाट पर यमुना का पानी सबसे प्रदूषित है। दिल्ली में यमुना का BOD स्तर 90 तक पहुंच जाता है, जबकि नहाने के लिए सुरक्षित स्तर 3 होता है।
दिल्ली में यमुना के प्रदूषण का कारण
दिल्ली के मुकाबले हरियाणा में यमुना का पानी काफी साफ है। दिल्ली में प्रवेश करने के बाद, नालों, सीवेज, ठोस कचरे और फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल वेस्ट की वजह से नदी का पानी प्रदूषित और जहरीला हो जाता है। खासकर, नजफगढ़ नाला इसे और अधिक प्रदूषित करने का एक प्रमुख कारण माना जाता है। इसके अलावा, यमुना के किनारे स्थित बाढ़ क्षेत्र (O-Zone) में होने वाले अवैध निर्माण भी एक बड़ा मुद्दा है। ये अवैध निर्माण नदी की सफाई और प्राकृतिक प्रवाह को बाधित कर रहे हैं, जिससे यमुना के जलस्तर और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
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