World Braille Day 2022: नेत्रहीनों के लिए एक वरदान साबित हुआ ब्रेल लिपि

World Braille Day 2022: जब भाषा (Language) का आविष्कार हुआ तो इंसानों के लिए बातचीत बहुत आसान हो गई। भाषा का अविष्कार इंसानों के विकास में एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि थी। दुनिया में हजारों भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन उनके आविष्कारकों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। इसका मुख्य कारण कि सभी भाषाएं समय के साथ ही विकसित हुई हैं और इनके विकास में एक व्यक्ति का योगदान नहीं है।
लेकिन लुईस ब्रेल (Luis Braille) ने खुद एक ऐसी भाषा का आविष्कार किया था, जिसने ना केवल इतिहास में जगह बनाई बल्कि उसे हमेशा के लिए मानवता के लिए एक अनुपम उपहार माना जाता रहेगा। दुनिया के सभी नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि के रूप में एक अनुपम तोहफा देने वाले लुईस ब्रेल का जन्मदिन 4 जनवरी को होता है। इस दिन को विश्व ब्रेल दिवस (World Braille day 2022) के तौर पर भी मनाया जा रहा है।
ब्रेल लिपि (Braille Language) को दुनिया में जितने भी नेत्रहीन (Blind People) हैं उसके लिए एक वरदान की तरह माना जाता है। ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल या लुई ब्रेल (Luis Braille) ने जब ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था, उस समय वे खुद अंधे थे। लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि का आविष्कार महज 15 साल की उम्र में ही कर दिया था। इस असंभव काम के पीछे भी बहुत रोचक कहानी है।

कौन थे (Luis Braille) लुईस ब्रेल?
लुईस ब्रेल (Luis Braille) का जन्म फ्रांस (France) में कुप्रे नामक गांव में 4 जनवरी 1809 को एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। लुईस के पिता साइमन रेले ब्रेल शाही घोड़ों के लिए काठी और जीन बनाने का काम किया करते थे। लुईस ब्रेल के घर की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी। इस कारण महज तीन साल की उम्र में ही लुईस को पिता के काम में हाथ बटाने के लिए काम में लगना पड़ा। इसी दौरान एक हादसे में उनकी एक आंख में चाकू घुस गया। इसके बाद उनकी आंख खराब हो गई। लेकिन धीरे-धीरे उनकी दूसरी आंख की रोशनी भी खत्म हो गई। समुचित इलाज ना होने पर 8 साल की उम्र में लुईस पूरी तरह से नेत्रहीन (Blind) हो गए।

कैसे किया ब्रेल लिपि का आविष्कार?
लुईस ब्रेल (Luis Braille) को मशहूर पादरी बैलेन्टाइट की मदद से नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला मिल गया। बाद में लुईस को पता चला कि सेना के लिए एक कूटलिपि (Code Language) बनाई गई है जिसे अंधेरे में भी पढ़ा जा सकता है। इसके बाद लुईस ने ब्रेल लिपि को विकसित करने का काम कैप्टन चार्ल्स बार्बर से मिलने के बाद शुरू कर दिया।
लुईस ब्रेल (Luis Braille) ने 8 साल की कड़ी मेहनत से ब्रेल लिपि (Code Language) को विकसित कर लिया। हालांकि इस लिपि को काफी परेशानियों के बाद मान्यता मिली। लुईस ब्रेल की Braille Language को शिक्षाविदों ने मान्यता नहीं दी। लुईस ब्रेल की ब्रेल लिपि को उनकी मौत के 100 सालों बाद मान्यता मिली।

क्या होता है ब्रेल लिपि?
ब्रेल लिपि (Braille Language) एक तरह का कोड (Code) होता है। यह किसी तरह की भाषा नहीं है। लेकिन इसमें उभरे हुए बिंदुओं से एक कोड बनाया जाता है, जिसमें 6 बिंदुओं की तीन पंक्तियां होती हैं। इसमें पूरे सिस्टम का कोड छिपा होता है। आजकल कंप्यूटर में भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक की वजह से ही नेत्रहीन बच्चे पढ़ाई और तकनीकी रूप से काम करने में सक्षम हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) आमसभा ने नवंबर 2018 को आधिकारिक तौर पर 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाने की घोषणा की। इसके बाद 4 जनवरी 2019 को पहला विश्व ब्रेल दिवस मनाया गया। तबसे लगातार हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है।