डॉ. कलाम ने कभी इफ्तार पार्टी क्यों नहीं दी?

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कलाम ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी की जरूरत नहीं है। इस पैसे को देश के अनाथालयों को दान किया जा सकता है।

डॉ. कलाम
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एपीजे अब्दुल कलाम एक ऐसे महापुरूष जिनका नाम सुनते ही भारतवासियों का दिलोदिमाग ऊर्जा से भर जाता है। उनका ओजस्वी और मुस्कुराहट भरा चेहरा याद करके हर भारतीय का सर गर्व से उठ जाता है और अपने जीवने की हर कठिनाई बहुत ही छोटी लगने लग जाती है। भला ऐसा हो भी क्यों ना मिसाइल मैन कलाम साहब एक महान शिक्षाविद, वैज्ञानिक और आधुनिक भारत के पुरोधा जो थे।

कलाम साहब के नेतृत्व में ही पहले स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत हुई और देखते ही देखते उन्होंने स्वदेशी मिसाइलों की लाइन लगा दी। डॉ. कलाम इतने सरल थे कि उनको पीपल्स प्रेसिडेंट कहा जाता था। देश में उनका योगदान इतना विशाल है कि उन्हें सभी सर्वोच्च सम्मानों से नवाजा गया। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जिदंगी हमें सिखाती है कि मेहनत और ईमानदारी के दम पर इंसान कैसे मुल्क का सबसे बड़ा ओहदा हासिल कर सकता है।

आज एक बार फिर से हम कलाम साहब की जिंदगी के सफर को फिर से जानने और समझने की कोशिश करेंगे। एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में तमाम ऐसे किस्से हैं, जिन्हें सुनकर लोग उनकी सोच को कलाम करते हैं। ऐसा ही एक किस्सा रमजान महीने की इफ्तार पार्टियों से भी जुड़ा है, जिन्हें उन दिनों राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाता था।

 इफ्तार पार्टी के लिए बताया ढाई लाख का खर्च

एपीजे अब्दुल कलाम जिस रोज राष्ट्रपति बने उस रोज उन्हेंने तमाम ऐसी लालफीताशाही को बंद कराया। जिससे कि पैसों का बेवजह खर्च होता हो। एक दिन उनको राष्ट्रपति भवन के अफसर ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाना है। राष्ट्रपति कलाम ने अपने सचिव पीके नायर समेत अन्य अफसरों को इसके लिए बुलाया।

डॉ. कलाम ने सचिव नायर को बुलाया। सचिव कलाम के पास पहुंचे तो तमाम अफसर भी उनके साथ थे। उन्होंने पूछा, ये बताइए कि हम इफ्तार भोज का आयोजन क्यों करें ? वैसे भी यहाँ आमंत्रित लोग खाते पीते लोग होते हैं। अफसर तमाम बातें कहते रहे, लेकिन कलाम ने ये कहा कि राष्ट्रपति भवन को इसके खर्च की जरूरत क्या है? कलाम ने कहा कि इस बात की जानकारी उन तक पहुंचाई जाए कि इफ्तार पार्टी के इंतजाम पर कितने पैसे खर्च होते है।

कलाम ने आगे पूछा कि आप इफ्तार पर कितना खर्च करते हैं। राष्ट्रपति भवन के आतिथ्य विभाग को फोन लगाया गया। उन्होंने बताया कि इफ्तार भोज पर मोटे तौर पर ढाई लाख रुपए का खर्च आता है।

डॉ. कलाम इफ्तार का पैसा दिया अनाथालय को

खर्च की जानकारी मिलने के बाद कलाम ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी की जरूरत नहीं है। इस पैसे को देश के अनाथालयों को दान किया जा सकता है। इफ्तार पार्टी में हमारे यहां जो लोग आते भी है वो समृद्ध है और उन्हें इससे कोई खास फर्क भी नहीं पड़ने वाला।

इसके बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से इफ़्तार के लिए निर्धारित राशि से आटे, दाल, कंबलों और स्वेटरों का इंतेज़ाम किया गया और उसे 28 अनाथालयों के बच्चों में बाँटा गया। लेकिन कलाम को लगा इसमें उनका तो कुछ भी योगदान नहीं है। ये सामान तो सरकार के पैसे से खरिदा है। उन्होंने इसके बाद एक लाख का चेक नायर को दिया और कहा इसका भी उसी तरह इस्तेमाल करिए जैसे आपने इफ्तार के लिए निर्धारित पैसे का किया है, लेकिन किसी को ये मत बताइए कि ये पैसे मैंने दिए है।