Web 3.0 क्या है? कैसे अगले 10 सालों में बदल जाएगा इंटरनेट यूज करने का तरीका
संतोष कुमार। Web 3.0 क्या है? इंटरनेट की दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहा है। अभी जो इंटरनेट हम उपयोग कर रहे हैं, वह Web 2.0 है। Web 3.0 के आने के बाद इंटरनेट यूज करने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि यदि यह आ जाता है तो गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा। अभी आपको कुछ भी सर्च करना होता है तो आपको सबसे पहले सर्च इंजन पर जाना होता है। सर्च इंजन गूगल, माइक्रोसॉफ्ट के अलावा कई प्राइवेट कंपनियों के पास है जो इसे कंट्रोल करते हैं।
आपको कोई भी जानकारी चाहिए तो आपको सबसे पहले इन्हीं कंपनियों के पास जाना होगा। ऐसे में यह मुमकिन है कि यह कंपनियाँ सर्च रिजल्ट में मोनोपॉली करे। लेकिन Web 3.0 में ऐसा नहीं होगा। इसमें इंटरनेट पूरी तरह से सेंट्रलाइज्ड नहीं रहेगा बल्कि यह डिसेंट्रलाइज्ड हो जाएगा। इसे क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से भी जोड़ा जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर Web 3.0 क्या है?
Web 1.0 क्या है?
Web 3.0 को जानने से पहले जानते हैं Web 1.0 को। बता दें कि आज से 32 साल पहले 1989 में World Wide Web (www) की शुरुआत हुई थी। तब इंटरनेट की दुनिया मौजूदा इंटरनेट से काफी अलग था। तब सिर्फ टेक्स्ट फॉर्मेट में आपको इंटरनेट पर जानकारियां मिलती थीं। इसी को Web 1.0 कहा जाता था। आज जो इंटरनेट हमलोग उपयोग कर रहे हैं वह Web 2.0 है।
Web 3.0 क्या है?
Web 3.0 वर्तमान इंटरनेट Web 2.0 का एडवांस्ड वर्जन है। Web 3.0 में कोई एक कंपनी नहीं होगी, बल्कि हर यूजर अपने कंटेंट का मालिक होगा। Web 3.0 में इंटरनेट को कोई कंट्रोल नहीं कर पाएगा। अभी इंटरनेट को गूगल द्वारा कंट्रोल किया जाता है। यदि गूगल काम करना बंद कर दे तो आप कुछ भी सर्च नहीं कर पाएंगे। अभी मेटा के पास वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक समेत कई प्लेटफॉर्म हैं। अगर कंपनी चाहे तो अपने तरीके से आपके कंटेंट को मैनिपुलेट कर सकता है। जैसे हाल ही में वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव करने पर यूजर के डेटा एक्सेस को लेकर कई आरोप लगे थे।
अभी गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों की अपने-अपने सर्किल में मोनोपॉली चल रही है। लेकिन वेब 3.0 के आने के बाद ऐसा नहीं होगा। इन कंपनियों को डर है कि उनकी मोनोपॉली खत्म हो सकती है। इसी वजह से इन सभी कंपनियों ने वेब 3.0 का विरोध करना शुरू कर दिया है।
Web 3.0 में क्या बदलेगा?
वेब 3.0 के आने के बाद लोगों के पास ज्यादा पावर होंगे। आपका कंटेंट आपका ही होगा और इसके बदले आपको टोकन मिलेगा। आप अपना कंटेंट किसी भी प्लेटफॉर्म पर शेयर करेंगे तो भी उसके राइट्स आपके पास ही होंगे। आप अपने कंटेंट के मालिक होंगे। अभी ऐसा नहीं होता है।
अभी आप जो भी सोशल साइट्स पर शेयर करते हैं तो वह उनका हो जाता है। कंपनियां आपके कंटेंट को अपने हिसाब से यूज कर सकती हैं। लेकिन वेब 3.0 के आने के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा। Web 3.0 में लोग अपने डेटा को खुद कंट्रोल कर पाएंगे। इसमें डेटा किसी सेंट्रल सर्वर पर नहीं होगा बल्कि यह आपके मोबाइल या डिवाइस में होगा। यह पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड होगा। इससे कोई यह नहीं जान पाएगा कि किस यूजर का डेटा कहां पर है।
bahut sahi tarike se aap web 3.0 ke bare men bataye hain thank you so much.