TDP के तीनों संशोधन मंजूर, वक्फ संशोधन बिल को समर्थन देगी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी

TDP के तीनों संशोधन मंजूर, वक्फ संशोधन बिल को समर्थन देगी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी
Waqf Amendment Bill : वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) द्वारा प्रस्तावित तीनों संशोधनों को मंजूरी मिलने के बाद पार्टी ने विधेयक को पूरा समर्थन देने का फैसला किया है। इसी के साथ जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के संशोधनों को भी स्वीकार कर लिया गया है, जिससे अब माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी भी इस विधेयक के समर्थन में मतदान कर सकती है।
क्या थे टीडीपी के सुझाव?
टीडीपी ने वक्फ बाय यूजर से संबंधित प्रावधान में बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जिसके तहत वे सभी संपत्तियां जो वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के लागू होने से पहले पंजीकृत हो चुकी हैं, वक्फ संपत्ति बनी रहेंगी। हालांकि, यह नियम उन संपत्तियों पर लागू नहीं होगा जो विवादित हैं या सरकारी संपत्ति में आती हैं। इस संशोधन को विधेयक में शामिल कर लिया गया है।
जांच के लिए कलेक्टर नहीं होगा अंतिम प्राधिकारी
इसके अलावा, टीडीपी ने यह भी प्रस्ताव दिया था कि वक्फ मामलों में कलेक्टर को अंतिम प्राधिकारी न माना जाए। इस संशोधन के अनुसार, राज्य सरकार के पास यह अधिकार होगा कि वह कलेक्टर से ऊंचे पद के किसी अधिकारी को नामित कर जांच करवा सके। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है, जिससे अब कलेक्टर के फैसले के बाद भी एक और स्तर पर समीक्षा संभव होगी।
दस्तावेज जमा करने के लिए मिलेगा अतिरिक्त समय
तीसरा प्रमुख संशोधन डिजिटल दस्तावेजों की समय-सीमा बढ़ाने से संबंधित था. अब, यदि ट्रिब्यूनल को देरी का उचित कारण संतोषजनक लगता है, तो वक्फ को डिजिटल दस्तावेज जमा करने के लिए अतिरिक्त 6 महीने का समय मिल सकेगा. टीडीपी के संशोधनों को स्वीकार किए जाने के बाद, पार्टी ने इस विधेयक के समर्थन में मतदान करने का निर्णय लिया है.
कल दोपहर 12 बजे पेश होगा बिल
विधेयक को लेकर अब स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है। यह बिल 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है। भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश देते हुए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। इस बिल पर आठ घंटे की चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जा सकता है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि आठ घंटे चर्चा का समय तय किया गया है. इस समय को बढ़ाया जा सकता है लेकिन सदन की सहमति लेकर के। मीडिया से खास बातचीत में किरेन रिजिजू ने कहा कि अब अगर कोई वॉकआउट करके बहाना करना चाहता है, चर्चा से भागना चाहता है तो उसको हम रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि चर्चा तो करें। हर दल को अपना पक्ष रखने, अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
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