मुख्य सचिव मामले में विजिलेंस मंत्री आतिशी ने CM को भेजी रिपोर्ट, किए कई बड़े खुलासे
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Cm Arvind Kejriwal) द्वारा बामनौली भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार (Naresh Kumar) के खिलाफ शिकायत भेजे जाने के एक दिन बाद सतर्कता मंत्री आतिशी (Aatishi) ने शनिवार (11 नवंबर) को सतर्कता निदेशक और मंडलायुक्त को पत्र लिखकर सभी संबंधित फाइलें मंगाई थी। जिसकी गहन जांच के बाद विजिलेंस मंत्री ने मुख्यमंत्री को 650 पन्नों की प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें मुख्य सचिव के खिलाफ कुछ जरूरी खुलासे किए गए है।
आतिशी द्वार भेजी गई रिपोर्ट के खुलासे
1-मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कंपनी को पहुँचाया 850 करोड़ का अवैध लाभ
बता दें कि मुख्य सचिव के बेटे की कंपनी ने 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 75 लाख में भूमि खरीदी थी। जिसमें अब 850 करोड़ का गैरकानूनी लाभ हो रहा है।
2-मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कई और कंपनियों को भी सरकारी ठेकों से नवाजा
आरोप है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे और भी कई कंपनियों को सरकारी ठेके दिलवाए है।
बता दें कि सतर्कता निदेशालय पहले ही कथित अनियमितताओं की जांच कर चुका था और जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित भी कर दिया गया था। लेकिन इस मामले में मुख्य सचिव की भूमिका अहम थी।
अधिकारियों को लिखे पत्र में आतिशी ने क्या कहा था
इस मामले में सतर्कता मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव के बेटे एक कंपनी में कार्यरत हैं। उक्त संपत्ति के मालिक के रिश्तेदारों को प्रदान की जाने वाली मुआवजे की राशि निर्धारित की जानी बाकी है। मंत्री ने लिखा था कि आरोप लगाया गया है कि दो जमीन मालिक सुभाष चंद कथूरिया और विनोद कथूरिया मुख्य सचिव के बेटे के एक व्यापारिक सहयोगी के परिवार के सदस्य हैं। मई 2023 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण-पश्चिम दिल्ली) हेमंत कुमार ने बामनौली गांव में 19 एकड़ जमीन के लिए 2 व्यक्तियों को 18.54 करोड़ रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के रूप में 353 करोड़ रुपए दिए। 2018 में द्वारका एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था।
मुख्य सचिव के भूमिका की जांच बाकी
नोट में कहा गया था कि जिलाधिकारी दक्षिण-पश्चिम ने निर्णायक प्राधिकारी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के 2018 के फैसले को पलट दिया, जिसमें 53 लाख रुपए प्रति एकड़ के मूल्यांकन के आधार पर भूमि के उसी टुकड़े के लिए 41.52 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया था। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल ही में हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया था और मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे। आतिशी ने कहा था कि बामनौली गांव की जमीन के अधिग्रहण और इसमें हेमंत कुमार की संलिप्तता के मामले की जांच सतर्कता निदेशालय पहले ही कर चुका है, लेकिन मुख्य सचिव की भूमिका की अभी तक जांच नहीं की गई है।
हालाकिं अपने खिलाफ शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए महासचिव ने कहा है कि यह उन असंतुष्ट लोगों की बदनामी है जो सतर्कता जांच का सामना कर रहे हैं।
आश्विनी कुमार ने किया मुख्य सचिव का बचाव
आश्विनी कुमार ने भी सोमवार (13 नवंबर) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव का बचाव यह कहते हुए किया कि उसपर भमि अधिग्रहण मामले में लगी शिकायत, गंदी राजनीति का एक हिस्सा है, क्योंकि वह भ्रष्टाचार के मामलों को सक्रिय रूप से उठा रहा था। उन्होंने कहा कि प्रेसर को इसलिए बुलाया गया था क्योंकि मुख्य सचिव के खिलाफ कई ”अफवाहें और झूठ” फैलाए जा रहे थे। तथ्यों को जनता के सामने रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मामला मई में सामने आया था। जब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकृति (NHAI) द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहण करने वाली 19 एकड़ ज़मीन का मुआवजा हेमंत कुमार द्वारा बढ़ा दिया गया था। जिसके बाद हेमंत कुमार को निलंबित किया गया था और उसके खिलाफ सीबीआई जाँच शुरू की गई थी।
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