Uttarakhand: रैगिंग पर अंकुश को हाईकोर्ट ने दिया सख्त आदेश

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी के गठन का आदेश दिया है। इस साथ ही कोर्ट ने सभी जिलों में जिला मॉनिटरिंग कमेटी गठन के भी आदेश दिए हैं। रैगिंग के मामलों को लेकर कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है।
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामलों को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी के गठन का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि संस्थान के प्रमुख, कमेटी का गठन सुनिश्चित करेंगे और कमेटी गठन की जानकारी टैबुलर फॉर्म में कोर्ट को उपलब्ध कराएंगे।
इसके साथ ही सभी जिलों के डीएम को दो सप्ताह के भीतर जिला मॉनिटरिंग कमेटी के गठन का आदेश दिया गया है। जिलों में कितने उच्च शिक्षण संस्थान हैं इसकी पूरी लिस्ट भी कोर्ट को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने आदेश में साफ कर दिया है कि भविष्य में अगर किसी शिक्षण संस्थान में रैगिंग की घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी संस्थान के प्रमुख और जिला मॉनिटरिंग कमेटी की होगी। कोर्ट में आगे 6 जून को इस मामले पर सुनवाई होगी।
सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में छात्रों के साथ रैगिंग का मामला काफी सुर्खियों में रहा था। सोशल मीडिया में इसका वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें 27 छात्र सिर मुंडवाकर सर झुकाते हुए चल रहे थे। वीडियो में बार बार डॉक्टर साहब नमस्कार की आवाज सुनाई दे रही थी। वीडियो के अंत में एक गार्ड भी छात्रों के पीछे चलता नजर आया।
सोशल मीडिया में इसे रैगिंग बताया गया था। मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के इन्हीं मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने काफी सख्त रुख दिखाया है।अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद की जा सकती है।
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