Uttarakhand: सीएम धामी ने देश के सभी मुख्य सचिवों को लिखा पत्र, कही ये बात

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखा है। जिससे वो भी अपने राज्यों में चारधाम यात्रा से संबंधित प्रचार प्रसार कर दें। ताकि चार धाम की यात्रा पर जो श्रद्धालु आना चाहते हैं उन्हें समय से इसकी जानकारी मिल सके। साथ ही कहा कि ऐसे करीब दो-तीन सप्ताह के बाद जब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होगी उसके बाद ही पता चल पाएगा कि श्रद्धालु में कितनी उत्सुकता है साथ ही कहा कि उम्मीद की जा रही है कि पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन करने पहुंचेंगे।
सभी राज्यों में पर्यटन विभाग स्थानीय भाषा में देगा विज्ञापन
साथ ही कहा कि पर्यटन विभाग देश के सभी राज्यों में वह की स्थानीय भाषा में विज्ञापन देने जा रहा है ताकि चार धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को यह जानकारी मिल सके कि इस बार रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है ताकि वह समय से रजिस्ट्रेशन करा ले। हालांकि, इसकी मंशा यह है कि एक ही दिन भारी संख्या में श्रद्धालु ना आए बल्कि थोड़े-थोड़े करके श्रद्धालु चार धाम की यात्रा पर आएं। ताकि एक साथ बहुत अधिक भीड़ धर्मों में एकत्र ना हो। साथ ही कहा कि रजिस्ट्रेशन के मुताबिक अगर श्रद्धालु आएंगे तो आसानी से दर्शन भी कर पाएंगे साथ ही सभी के सुरक्षा का भी ध्यान अच्छे से रखा जा सकेगा।
यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं होगी मुकम्मल
इसके साथ ही ट्रैक का रिपेयर, खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था हेली सेवाओं की व्यवस्था धामों में साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर करीब 3 घंटे की बैठक की गई है। साथ ही कहा कि पिछले सालों के मुकाबले इस साल चार धाम यात्रा के संबंध में काफी अधिक काम हुए हैं हालांकि, अभी चार धाम की यात्रा शुरू होने में समय बाकी है लिहाजा सभी विभागीय अधिकारियों ने अपनी कार्य योजना दे दी है। ऐसे में उम्मीद है की चार धाम की यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाओं को सही ढंग से मुकम्मल कर लिया जाएगा। पिछले सालों की तुलना में इस साल अच्छी तरह से चार धाम की यात्रा संचालित होगी।
जोशीमठ में बनाया जाएगा आपदा का कंट्रोल रूम
मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम की महत्वपूर्ण बैठक में बीआरओ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे हालांकि जोशीमठ से जो बद्रीनाथ के लिए सड़क गुजरती है उसको बीआरओ व्यवस्थित कर रहा है। हालांकि जोशीमठ से बदरीनाथ रूट पर बीआरओ की पूरी टीम मौजूद रहेगी साथ ही आपदा की भी एक कंट्रोल रूम जोशीमठ में बनाया जाएगा। ताकि अगर सड़कों में दरार पड़ती है तो तत्काल प्रभाव से उसका प्रशिक्षण करते हुए ट्रीटमेंट किया जाएगा। अगर आधे घंटे के लिए भी सड़क मार्ग बाधित होता है तो श्रद्धालुओं को काफी लंबी भीड़ हो जाएगी जिसके दृष्टिगत जोशीमठ यात्रा मार्ग पर पहले से ही तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई जाएंगी। लेकिन यह तय कर लिया गया यात्रा जोशीमठ रूट से ही संचालित की जाएगी।
श्रद्धालुओ की सुरक्षा सरकार की है प्राथमिकता
सीएस ने कहा कि अन्य राज्यों से जो श्रद्धालू, राज्य में आ रहे हैं उनकी सुरक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है ताकि धामों में धक्का-मुक्की और भीड़-भाड़ की स्थिति उत्पन्न ना हो। हालांकि जब कोई नया निर्णय होता है तो कुछ लोगों को फायदा तो कुछ लोगों को नुकसान होता है लेकिन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का निर्णय अन्य राज्य से उत्तराखंड आ रहे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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