चीन ने अमेरिका को दिया बड़ा झटका, टैरिफ के जवाब में दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट्स की सप्लाई रोकी

US China Tariff :

चीन ने अमेरिका को दिया बड़ा झटका, टैरिफ के जवाब में दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट्स की सप्लाई रोकी

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US China Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बाद अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास अब चरम तक पहुंच चुकी है। चीन ने अमेरिका के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा कदम उठाते हुए कई महत्वपूर्ण और जरूरी सामानों की सप्लाई को रोक दिया है। जिनमें मैग्नेट्स दुर्लभ पृथ्वी खनिज और मेटल्स शामिल है। चीन के इस कड़े कदम से पश्चिमी देशों को हथियारों में इस्तेमाल होने वाले सामान इलेक्ट्रॉनिक्स वाहन निर्माताओं एयरोस्पेस निर्माताओं सेमीकंडक्टर कंपनियों व उपभोक्ता वस्तुओं की सप्लाई बंद होने का खतरा पैदा हो गया है।

पॉलिसी तैयार की जा रही है

चीन की सरकार निर्यात के लिए एक नया रेगुलेटरी सिस्टम का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। एक तरफ जहां पॉलिसी तैयार की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार मैग्नेट्स से लेकर कार और मिसाइल तक में प्रयोग की जाने वाली चीजों को कई चीनी बंदरगाहों पर रोक दिया गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट के अनुसार जैसे ही नए रेगुलटरी सिस्टम तैयार हो जाता है उसके बाद अमेरिकी मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स समेत कुछ निश्चित कंपनियों के पास सामानों की आपूर्ति करने पर स्थाई रुप से रोक लग जाएगी।

छेड़े गए ट्रेड वॉर का नतीजा

वहीं बीजिंग की तरफ से निर्यात पर रोक लगाने का ये फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से छेड़े गए ट्रेड वॉर का नतीजा है। चीन 17 तरह के करीब 90 प्रतिशत दुनिया के दुर्लभ पृथ्वी खनिज का उत्पादन करता है जिसका प्रयोग रक्षा से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में किया जाता है।

अमेरिका चीन से ही आयात करता है

चीन सात तरह से मीडियम और हैवी दुर्लभ पृथ्वी खनिजों में स्मारियम गडिलिनियन टर्बियम डायसपोरियम लुटेटियम स्कैनडियम और यट्टिलिम संबंध चीजें हैं। जिसे एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में रखा गया है। अमेरिका के पास सिर्फ एक ही दुर्लभ पृथ्वी खनिज है जबकि इनमें से अधिकतर अमेरिका चीन से ही आयात करता है।

बड़ा कदम उठाया था

बता दें कि अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल को लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में चीन ने दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात पर रोक लगाकर बड़ा कदम उठाया था, ताकि उस समय चीनी सामानों पर लगाए गए 54 प्रतिशत टैरिफ का प्रभावी जवाब दिया जा सके। निर्यात रोक में न सिर्फ खनिज धातुएं हैं बल्कि मैग्नेट्स और कई ऐसी चीजें हैं जिसे अमेरिका को प्रतिस्थापित करना आसान नहीं होगा

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