UP Politics: सरकारी योजनाओं पर मायावती का तंज, गठबंधन को बताया नुकसानदायक
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हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इस चुनाव में भाजपा को चार राज्यों में बहुमत के साथ जीत हासिल हुई है। वहीं अब इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने चार राज्यों में हुए चुनाव और उनके नतीजों को लेकर भी एक बार फिर सवाल उठाया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विरोधी पार्टियों ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए, लुभावने व कभी न पूरा किए जाने वाले वादे करके चुनाव को प्रभावित किया।
भाजपा पर साधा निशाना
आगामी लोकसभा चुनाव में सतर्कता के साथ बसपा सुप्रीमो(UP Politics) आगे बड़ती हुई दिखाई दे रही है। इस संबंध में उन्होंने पदाधिकारियों को सावधान करते हुए कहा कि आगे लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनावी माहौल को जातिवादी, सांप्रदायिक व धार्मिकता के गैर जरूरी रंग में झोंक कर प्रभावित करने का प्रयास किया जाएगा।
गठबंधन का साथ क्यों नहीं दे रही मायावती?
बता दें कि पदाधिकारियों और से गठबंधन ना करने को लेकर नफे-नुकसान के गणित को बैठक में पदाधिकारियों के साथ सादा किया है। उन्होनें कहा कि चुनावी गठबंधन से पार्टी को काफी नुकसान होता है। उन्होनें कहा कि गठबंधन से उनकी पार्टी का वोट अन्य पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है। लेकिन वह दूसरी पार्टियों का वोट अपनी ओर ट्रांसफर नहीं कर पाती जिस कारण गठबंधन से पार्टी ने दूरी बनाई है।
राजनीतिक घोषणाओं पर मायावती का तंज
बसपा प्रमुख ने एक बार फिर, बेरोजगारी भत्ता व पांच किलो सरकारी अनाज देने की राजनीतिक घोषणाओं पर तंज कसा है। कहा, यूपी में बसपा की सरकार में सस्ती लोकप्रियता वाले कार्य नहीं किए गए बल्कि लोगों को इज्जत से जीने के लिए लाखों की संख्या में सरकारी व गैर सरकारी स्थायी रोजगार मुहैया कराने का रिकॉर्ड बनाया गया। रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर पलायन रोका गया, जिसमें यूपी की अब तक की सरकारें विफल रही हैं।
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