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UN को लगा बड़ा झटका, जलवायु परिवर्तन की बैठक में सबसे ज्यादा उत्सर्जन वाले देश ही रहे गायब

UN को लगा बड़ा झटका, जलवायु परिवर्तन की बैठक में सबसे ज्यादा उत्सर्जन वाले देश ही रहे गायब

UN को लगा बड़ा झटका, जलवायु परिवर्तन की बैठक में सबसे ज्यादा उत्सर्जन वाले देश ही रहे गायब

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का नेतृत्व कर रहे हैं। इस सम्मेलन में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया। हालाँकि, सबसे प्रमुख कार्बन उत्सर्जक वाले देश इस सम्मेलन में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में सम्मेलन की सार्थकता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव महसूस किए जा रहे हैं और गर्मी हर साल बदतर होती जा रही है।

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प्रमुख ग्रीनहाउस गैस नेता अनुपस्थित रहे

इस प्रमुख संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से गायब रहने वाले एकमात्र लोग प्रमुख कार्बन उत्सर्जक के नेता थे। इनमें अमेरिका और चीन के नेता भी शामिल हैं। सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में ग्रेट ब्रिटेन, जापान, फ्रांस और भारत शामिल हैं। प्रमुख कार्बन उत्पादकों में से केवल यूरोपीय संघ के नेता ही बैठक में उपस्थित थे। इस बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने शताब के एजेंडे की घोषणा की और कहा कि इस बैठक में केवल कामकाजी लोग ही शामिल हो सकते हैं। इस सम्मेलन में लगभग सभी देशों के प्रतिनिधियों ने जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से ख़त्म करने की आवश्यकता पर बल दिया। यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, जर्मन चांसलर ओलाफ शुल्ज़, चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक, मार्शल आइलैंड्स के राष्ट्रपति और अन्य ने जीवाश्म ईंधन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने वर्ष के अंत तक तेल और गैस उत्सर्जन पर नियमों को कड़ा करने और 2030 तक देश के मौजूदा मीथेन कटौती लक्ष्य को 75 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी वादा किया। दुबई में COP28 सम्मेलन में वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना।

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