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Tunnel Collapse: हादसे को लेकर अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया, कहा सुरंग निर्माण में नहीं है भागीदारी

Tunnel Collapse: अदानी समूह ने ढह गई उत्तराखंड सुरंग के निर्माण में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है, जहां 41 श्रमिक 16 दिनों से फंसे हुए हैं। एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि समूह का सुरंग के निर्माण से किसी भी सहायक कंपनी के माध्यम से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने उन्हें इस घटना से जोड़ने के प्रयासों की कड़ी निंदा की। सुरंग, 880 किलोमीटर लंबी चार धाम परियोजना का हिस्सा, 12 नवंबर को ढह गई थी, और बचाव प्रयासों में ऊपर से नीचे की ओर चल रही ड्रिलिंग के साथ-साथ मैन्युअल क्षैतिज खुदाई भी शामिल है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) का लक्ष्य ऊर्ध्वाधर और मैन्युअल क्षैतिज ड्रिलिंग विधियों पर ध्यान केंद्रित करने और सुरंग के बारकोट छोर से क्षैतिज ड्रिलिंग की योजना के साथ बचाव में तेजी लाना है।

Tunnel Collapse: प्रवक्ता ने बयान जारी कर रख पक्ष

अडानी समूह ने 27 नवंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेस कथन जारी कर कहा कि उत्तरकाशी सुरंग के निर्माण में उसकी या उनके किसी भी सहायक कंपनी की किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है। अडानी समूह ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह ढही हुई उत्तराखंड सुरंग के निर्माण में शामिल नहीं है, जहां 41 श्रमिक 16 दिनों से फंसे हुए हैं। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, “यह हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ तत्व हमें उत्तराखंड में एक सुरंग के दुर्भाग्यपूर्ण ढहने से जोड़ने का नापाक प्रयास कर रहे हैं। हम इन प्रयासों और उनके पीछे के लोगों की कड़ी निंदा करते हैं और टनल में फंसे मजदूरों और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं ”।

https://twitter.com/AdaniOnline/status/1729071831964090707

12 नवंबर से फंसे हैं मजदूर

बता दें कि 880 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना के तहत सिल्क्यारा से बड़कोट तक का निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड सुरंग के निर्माण कार्य की देखरेख कर रही है। अडानी समूह ने कहा कि सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी में उसका कोई शेयर नहीं है। सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने में कार्य अभी भी चल रहा है। जिसके लिए  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), उत्तराखंड पुलिस और भारतीय सेना समेत कई प्राधिकरण प्रयासरत है।

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