स्विट्जरलैंड से भी कई ज्यादा खूबसूरत हैं उत्तराखंड की ये 5 माउंटेन झील, तस्वीरें देख नहीं होगा यकीन

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उत्तरकाशी क्षेत्र में केदार ताल 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक ग्लेशियर (Uttarakhand Tourist Places) झील है। केदार ताल से थलयासागर चोटी को आसानी से देखा जा सकता है।

Uttarakhand Tourist Places
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अगर आप भी उत्तराखंड (Uttarakhand Tourist Places) घूमने का प्लान बना रहे है तो वहां जाने से पहले आप इन 5 माउंटेन लेक्स के बारें में जान लें जो कि स्विट्जरलैंड की खूबसूरती के आगे फेल है। आज हम आपको उत्तराखंड की कुछ ऐसी झीलों के बारे में बताएंगे जो की समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। कुछ झीलें तो उनमें से ऐसी भी हैं जो आधे से ज्यादा समय जमी हुई ही रहती हैं। इन झीलों के बारे में बहुत कम ही लोगो को पता है। उत्तराखंड के पर्वतों के बीच छिपी हुई कुछ ऐसी झीलों के बारे में आज बताने जा रहे हैं जिसके आगे स्विट्जरलैंड भी फीका है।

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केदार ताल (Kedar Taal)

उत्तरकाशी क्षेत्र में केदार ताल 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक ग्लेशियर (Uttarakhand Tourist Places) झील है। केदार ताल से थलयासागर चोटी को आसानी से देखा जा सकता है। इस झील को देखकर आप खूब लुत्फ उठा सकते है।

सातताल झील (Sattal Lake)

यह झील नैनीताल से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर सात झीलों का एक समूह है। जिसमें से कुछ झीलें अब सूख चुकी हैं। अगर आप सुकुन की तलाश में हैं तो यहां पर पक्षियों की आवाज और वातावरण आपको काफी मंत्रंमुग्ध और शांत कर सकता है।

देव ताल (Dev Taal)

देव ताल जैसा कि आपको नाम से ही पता लग रहा होगा देवताओं का ताल तो आप सोच रहे होगें की इस झील का नाम देवताओं के नाम से ही क्यों पड़ा? माना जाता है कि इस ताल में देवता स्नान करते थे। यह जगह माना पास के जीरो पॉइंट से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है। यह ताल चारों तरफ से बर्फ के पहाड़ों से घिरा हुआ है।

रूपकुंड लेक (Roopkund Lake)

इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम आता है रूपकुंड लेक (Uttarakhand Tourist Places) का है। रूपकुंड लेक उत्तराखंड की सबसे ऊंची झीलों में से एक है। रूपकुंड झील उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां से आप त्रिशूल पीक को आसानी से देख सकते हैं। इस झील को रहस्यमयी झील के नाम से भी जाना जाता है और कहा जाता है कि बहुत साल पहले यहां मानव कंकाल भी पाए गए थे। गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए ये काफी अच्छी जगह है।

हेमकुंड झील (Hemkund Lake)

इस झील को काफी पवित्र माना जाता है। इस झील का पानी साल के 8 महीने जमा ही रहता है। यह झील बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी है। मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने इस झील के किनारे तप किया था। इसलिए इस झील को हेमकुंड झील कहा जाता है।