
Technology Updates: बढ़ती स्पैम कॉल्स और मोबाइल फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने टेलीकॉम नियमों में बदलाव कर सख्त कदम उठाए हैं। अब ई-केवाईसी वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके बिना सिम कार्ड जारी नहीं होगा। यह कदम साइबर धोखाधड़ी और सिम के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सरकार ने ऐसे लोगों की एक ब्लैकलिस्ट तैयार की है, जो दूसरों के नाम पर सिम कार्ड लेकर उनका दुरुपयोग करते हैं। इस सूची में शामिल उपयोगकर्ताओं के सिम कार्ड पहले ब्लॉक किए जाएंगे और उनके नाम पर अगले 3 से 6 साल तक कोई नया सिम कार्ड जारी नहीं होगा। दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस दिशा में लाखों फर्जी मोबाइल नंबर भी बंद कर दिए हैं।
साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की पहल
ब्लैकलिस्टेड उपयोगकर्ताओं को सरकार द्वारा नोटिस भेजा जाएगा, जिसका जवाब उन्हें 7 दिनों के भीतर देना होगा। हालांकि, जनहित से जुड़े मामलों में सरकार बिना नोटिस के भी कार्रवाई कर सकती है।
यह पहल साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए की गई है। सरकार का मानना है कि सिम कार्ड का दुरुपयोग न केवल आम नागरिकों के लिए खतरा है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसके तहत उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो दूसरों के नाम पर सिम कार्ड खरीदकर अपराधियों को बेचते हैं।
दूरसंचार विभाग का यह कदम न केवल फ्रॉड और स्पैम कॉल्स को कम करेगा, बल्कि सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को भी अधिक सुरक्षित बनाएगा। इसके साथ ही, उपयोगकर्ताओं को अपने सिम कार्ड के उपयोग में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
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