इंडिया टीम के वर्ल्ड कप स्क्वाड का SWOT एनालिसिस, पढ़ें

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एशिया कप की प्रचंड जीत के बाद हम भारतीय टीम के वर्ल्ड कप स्क्वाड का SWOT एनालिसिस करेंगे। SWOT का मतलब हुआ स्ट्रेंथ, वीकनेस, अपॉर्चुनिटी और थ्रेट्स। आर्टिकल थोड़ा लंबा हो सकता है, लेकिन जानकारी से भरपूर है। इसलिए पूरा जरूर पढ़िएगा। SWOT एनालिसिस शुरू करने से पहले हम भारत के स्क्वाड पर नजर डालते हैं। रोहित शर्मा(कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, ईशान किशन, हार्दिक पांड्या(उपकप्तान), रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल। प्रबल संभावना है कि यही 11 खिलाड़ी भारत की तरफ से 8 अक्टूबर को वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत करेंगे। श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद शमी बेंच पर बैठकर वर्ल्डकप देखेंगे। भारत के पास ईशान किशन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के तौर पर तीन लेफ्ट हैंडेड बैट्समेन हैं, जिनकी बदौलत भारत ग्राउंड पर हमेशा लेफ्ट राइट कांबिनेशन कायम रख सकता है। इससे विपक्षी गेंदबाजों को दिक्कत होगी।

वर्ल्ड कप से ठीक पहले एशिया कप हुआ और भारत ने 263 गेंद बाकी रहते श्रीलंका को 10 विकेट से रौंद दिया। इसी टूर्नामेंट के आधार पर हम सबसे पहले टीम की स्ट्रेंथ का आंकलन करेंगे। बात 24 वर्षीय शुभमन गिल की। वह एशिया कप में 300 से ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज रहे। शुभमन ने 6 मुकाबलों में 75.50 की औसत और 93.50 की स्ट्राइक रेट के साथ 302 रन बनाए। एशिया कप में शुभमन ने 1 शतक और 2 अर्धशतक लगाए। शुभमन गिल 33 वनडे पारियों के बाद 64.40 की एवरेज और 102.05 की स्ट्राइक रेट के साथ सर्वाधिक 1739 रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। ODI में उनका बेस्ट प्रदर्शन 208 रन है। शुभमन गिल वर्ल्ड कप में तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। रोहित शर्मा शुभमन गिल के बाद भारत के लिए एशिया कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। रोहित ने 6 मुकाबलों की 5 पारियों मे 48.50 की औसत और 107.78 स्ट्राइक रेट के साथ 194 रन बनाए। रोहित ने टूर्नामेंट में अर्धशतकों की हैट्रिक लगाई। हिटमैन और गिल की सलामी जोड़ी इंडियन कंडीशंस में विपक्षी गेंदबाजों के धागा खोल सकती है। रोहित 2019 वर्ल्ड कप का प्रदर्शन दोहरा सकते हैं। उस एडिशन में उन्होंने 5 शतक जड़े थे।

अगर बात विराट कोहली की करते हैं, तो उन्होंने एशिया कप में अपना 47वां वनडे शतक पूरा कर लिया। विराट ने पाकिस्तान के खिलाफ बारिश से प्रभावित मैच में 94 गेंद पर 9 चौकों और 3 छक्कों के साथ ताबड़तोड़ 122* रन बनाए। ऐसे में वर्ल्ड कप से पहले विराट की फॉर्म को लेकर कोई सवाल नहीं है। वह भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी साबित हो सकते हैं। अब आपको एक दिलचस्प बात बताते हैं। शुभमन गिल के नाम ODI में 5 शतक हैं, रोहित शर्मा ने वनडे इंटरनेशनल में 30 और विराट कोहली ने 47 ODI शतक लगाए हैं। तीनों को मिला दें, तो कुल आंकड़ा 82 शतकों का होता है। वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही किसी भी टीम के टॉप थ्री बल्लेबाजों ने मिलकर इतने शतक नहीं लगाए। यानी कि भारत का टॉप ऑर्डर उसकी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ है। जिस नंबर 4 की पोजीशन पर सबसे ज्यादा माथापच्ची चल रही थी, केएल राहुल ने 6 माह बाद चोट से वापसी करते हुए पहले ही मैच में उसपर कब्जा जमा लिया। राहुल ने पाकिस्तान के खिलाफ छठा ODI शतक जड़ते हुए 106 गेंद पर 12 चौकों और 2 छक्कों के साथ 111* रन बनाए। केएल राहुल ने ढाई साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में सेंचुरी जड़ी। उन्होंने विराट कोहली के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के इतिहास में 238 रनों की सबसे बड़ी साझेदारी कर दी।

एशिया कप के 3 मुकाबलों में राहुल ने 169 रन बनाए। ऐसे में जब श्रेयस अय्यर दोबारा चोटिल हो गए हैं, तब वर्ल्ड कप में केएल राहुल की भूमिका अहम रहेगी। तय मानिए, राहुल ही भारत के लिए नंबर 4 पर बल्लेबाजी करेंगे। ईशान किशन ने भी एशिया कप के 6 मुकाबले की 4 पारियों में 143 रन बनाए। खासकर जब पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में भारतीय टॉप ऑर्डर फ्लॉप हो गया था, तब ईशान किशन ने 81 गेंद पर 9 चौकों और 2 छक्कों के साथ 82 रन बनाए थे। इसी मैच में हार्दिक पांड्या ने भी 90 गेंद पर 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से 87 रनों की पारी खेली थी। दोनों के बीच 136 गेंद पर 138 रनों की साझेदारी हुई थी। ऐसे में यह भी निश्चित है कि अगर केएल राहुल नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे, तो मिडिल ऑर्डर में लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज की अहमियत को देखते हुए ईशान किशन को नंबर 5 पर बल्लेबाजी का मौका दिया जाएगा। पाकिस्तान के खिलाफ धुआंधार अर्धशतकीय पारी खेलने के अलावा हार्दिक पांड्या ने एशिया कप के 5 मैच में 6 विकेट चटका कर खुद को वर्ल्ड कप के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया है। वह छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए दिखेंगे। हार्दिक पांड्या के बाद अक्षर पटेल को बल्लेबाजी का मौका मिलेगा। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ मुश्किल परिस्थितियों में 34 गेंद पर 42 रन बनाए थे, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए थे। रवींद्र जडेजा ने एशिया कप में 6 विकेट चटकाए थे, लेकिन उनकी बल्लेबाजी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही थी। वर्ल्ड कप में उनसे दोनों डिपार्टमेंट में बेहतरीन प्रदर्शन की अपेक्षा रहेगी। फील्डिंग में तो वह अपना शत-प्रतिशत जरूर देंगे।

बूम-बूम बुमराह को एशिया कप में विकेट भले ही 4 मिले, लेकिन उन्होंने अपनी गति और इनस्विंग के साथ आउटस्विंग डालने की कला से सबको हैरत में डाल दिया। पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ सुपर 4 ग्रुप के मुकाबले में भारत को पहली सफलता जसप्रीत बुमराह ने ही दिलाई। यहां तक कि एशिया कप फाइनल में भी श्रीलंका का पहला शिकार बुमराह ने ही किया था। मोहम्मद सिराज ने एशिया कप के 5 मैच में भारत की तरफ से 4.63 की इकोनॉमी के साथ सबसे ज्यादा 10 विकेट चटकाए। मियां मैजिक फाइनल में ऐसा चला कि उन्होंने 7 ओवर में 21 रन देकर 6 श्रीलंकाई बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया और पूरी टीम को 50 पर निपटा दिया। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की जोड़ी वर्ल्ड कप में भारत के लिए कमाल कर सकती है। एशिया कप के 5 मैचों में 3.61 की औसत से 9 विकेट चटकाने वाले कुलदीप यादव को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। भारतीय टीम से ड्रॉप होने के बाद IPL 2021 में KKR ने भी कुलदीप को बेंच पर बिठा दिया था। आलोचक कुलदीप के पीछे हाथ धोकर पड़ गए थे। वक्त मुश्किल था, लेकिन कुलदीप यादव ने ऐतिहासिक वापसी की। एशिया कप के सुपर 4 स्टेज के जिस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 228 रन से हराया, उस मैच में कुलदीप यादव ने 8 ओवर में 25 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे। इसके अलावा जब भारत श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ 214 का टारगेट डिफेंड कर रहा था, उस मुकाबले में भी कुलदीप यादव ने 9.4 ओवर में 43 रन देकर 4 शिकार किए थे। नतीजा यह हुआ था कि भारत वह लो स्कोरिंग मैच भी 41 रन से जीत गया था।

ऐसे में कुलदीप यादव का वर्ल्ड कप में प्रदर्शन भारत में खुशियों के दीपक जला सकता है। SWOT में स्ट्रेंथ पर तो लंबी-चौड़ी बातचीत हो गई, लेकिन अब हम लोग वीकनेस की तरफ चलते हैं। भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है खिलाड़ियों के इंजरी की लंबी कतार। राहुल, बुमराह चोट से वापस लौटे हैं और श्रेयस अय्यर के साथ अक्षर पटेल चोट से जूझ रहे हैं। अक्षर पटेल की चोट ही नहीं, बल्कि उनका प्रदर्शन भी भारतीय टीम के लिए सिरदर्द बना हुआ है। अक्षर पटेल ने बांग्लादेश के खिलाफ अंतिम लम्हों में जरूर कुछ अच्छे हाथ दिखाए, लेकिन वह मुख्य तौर पर गेंदबाज हैं। भारतीय टीम अक्षर पटेल से गेंदबाजी में ब्रेकथ्रू दिलाने की उम्मीद करती है। पर अक्षर पूरे एशिया कप में सिर्फ 1 विकेट ले सके। ऐसा लग रहा है कि बल्लेबाजी करने के चक्कर में बापू गेंदबाजी भूल गए हैं। अगर अक्षर गेंदबाजी में अपनी पुरानी लय हासिल नहीं कर सके, तो यह भारत के लिए बड़ी परेशानी का सबब होगा। श्रेयस अय्यर की फिटनेस भी चयनकर्ताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रही है।

श्रेयस अय्यर पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में 9 गेंद पर 14 रन बनाकर शॉर्टपिच गेंद को मिडविकेट फील्डर के हाथ में खेल कर चलते बने थे। इसके बाद वह टूर्नामेंट का कोई मैच नहीं खेल सके। शॉर्ट पिच गेंद के सामने श्रेयस की परेशानी बढ़ती जा रही है और अब तो चोट भी उनका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही। अगर मिडिल ऑर्डर और गेंदबाजी चोट की वजह से प्रभावित होती है, तो भारत को वर्ल्ड कप में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय वर्ल्ड कप टीम में एक भी लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज नहीं है। हमने एशिया कप के पहले ही मैच में देखा था, किस तरह से शाहीन शाह अफरीदी ने भारत के टॉप थ्री बल्लेबाजों को परेशान किया था। रोहित और विराट को बोल्ड कर दिया था। शुरुआती 10 ओवर और डेथ ओवरों में लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज काफी इफेक्टिव साबित होते हैं। भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में ODI वर्ल्ड कप जीता था। तब भारत के पास इरफान पठान और जहीर खान जैसे शानदार लेफ्ट आर्म पेसर थे। भारत की मौजूदा वर्ल्ड कप टीम में एक भी लेफ्ट आर्म पेसर नहीं है। चयनकर्ताओं के पास अर्शदीप सिंह का ऑप्शन था, लेकिन उन्हें इग्नोर किया गया। भारतीय टीम में कोई लेग स्पिनर भी नहीं है। युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल नहीं किया गया है। भारत के बड़े ग्राउंड पर उनकी भूमिका अहम हो सकती थी।

इंग्लैंड इस समय मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन है। इंग्लैंड टीम की प्लेइंग-11 में शामिल सभी 11 खिलाड़ी थोड़ी-बहुत बैटिंग कर लेते हैं। किसी मैच में टीम के टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज फेल भी हो जाते हैं, तो उसके लोअर ऑर्डर बल्लेबाज मोर्चा संभाल लेते हैं। भारतीय टीम के साथ ऐसा नहीं है। नंबर 9 से नंबर-11 तक के लिए भारत के पास कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे ऑप्शन हैं। ये सभी गेंदबाज तो अच्छे हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर इनसे रन बनाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती। अब SWOT एनालिसिस में अपॉर्चुनिटी पर चर्चा की बारी है। भारत के लिए सबसे बड़ा अवसर ये है कि वह अपनी धरती पर यह वर्ल्ड कप खेल रहा है। यह टूर्नामेंट अक्टूबर-नवंबर में खेला जाना है। वहीं IPL मार्च-अप्रैल में खेला जाता है, तो इस तरह कंडीशन बिल्कुल अलग होगी। ऐसे में जो विदेशी खिलाड़ी भारत IPL खेलने आते हैं, उन्हें उस तरह की कंडीशन नहीं मिलेगी। वहीं भारतीय खिलाड़ी बचपन से ही इन पिचों पर खेले हैं। ऐसे में भारतीय खिलाड़ी परिस्थितियों के साथ आसानी से सामंजस्य बिठा पाएंगे। इन सबके अलावा अक्टूबर-नवंबर में ओस का फैक्टर भी मुकाबलों में अहम भूमिका निभाएगा। संभावना है कि भारतीय खिलाड़ी घरेलू परिस्थितियों का लाभ बेहतर उठा पाएंगे।

अब SWOT के आखिर में बात थ्रेट्स की। भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा टॉप ऑर्डर के नाकाम होने के बाद बल्लेबाजी का फ्लॉप होना है। हालांकि एशिया कप में देखा गया कि मिडिल ऑर्डर ने जिम्मेदारी उठाई। पर ICC टूर्नामेंट में अक्सर देखा जाता है कि जब भारत का टॉप ऑर्डर रन नहीं बनाता है, तो मध्य क्रम भी ताश के पत्तों की तरह बिखर जाता है। इस खतरे को भांपते हुए भारत ने पहले ही अपनी बल्लेबाजी में गहराई रखी है। इसलिए शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल को भी टीम में शामिल किया गया है। शार्दुल ठाकुर को एशिया कप में गेंदबाजी करते हुए 5 सफलता जरूर मिली, लेकिन वह बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर सके। ऐसे में हार्दिक पांड्या के अलावा भरोसेमंद ऑलराउंडर की कमी भारत के लिए बड़ा थ्रेट हो सकती है। हालांकि वर्ल्ड कप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया अश्विन और वाशिंगटन सुंदर को बतौर ऑलराउंडर आजमा रही है। अगर अक्षर पटेल की चोट ठीक नहीं होती, तो इन दोनों में से किसी एक को वर्ल्ड कप की टीम में शामिल किया जा सकता है। 21 महीनों बाद वनडे मैच खेल रहे अश्विन को सीधा वर्ल्ड कप का टिकट थमाने की चर्चा बताती है कि ऑलराउंडर की कमी टीम के लिए कितना बड़ा थ्रेट है।