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‘स्वामी’ हुए अखिलेश के, बेटी बोलीं – पिता जी समझदार हैं

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। हाल ही में भाजपा से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने बड़ा बयान दिया है। बता दें कि संघमित्रा बदायूं से सांसद हैं।

संघमित्रा ने शुक्रवार को कहा कि वो भाजपा में ही रहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही काम करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पिता को भाजपा छोड़ने से पहले समझाया था। अपने पिता को समझाने के लिए उनसे कोई क्या कहेगा, वे खुद समझदार हैं। संघमित्रा ने कहा कि बच्चे हमेशा बच्चे होते हैं, वह चाहे सांसद हों, मुख्यमंत्री हों या प्रधानमंत्री। मां-बाप के लिए बच्चे ही होते हैं।

संघमित्रा से जब उनका विचार पूछा गया है तो उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है, पहले और आज भी कई परिवार ऐसे हैं, जिनके अलग-अलग सदस्य कई पार्टियों में हैं। आज अगर स्वामी प्रसाद मौर्य किसी दूसरी पार्टी में हैं और उनकी बेटी दूसरी पार्टी में हैं तो यह सवाल संघमित्रा मौर्य से ही क्यों पूछा जा रहा है? दूसरों पर बात क्यों नहीं हो रही?

बता दें कि भाजपा को छोड़कर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अकेले नहीं गए हैं। उनके साथ 6 विधायक भी साथ गए हैं। मौर्य के साथ सपा में होने वालों में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी, बिल्हौर कानपुर से विधायक भगवती सागर, पूर्व मंत्री और एमएलसी बिधुना, ओरैया से विनय शाक्य, शाहजहांपुर विधायक रोशन लाल वर्मा, फिरोजाबाद के शिकोहाबाद से विधायक डॉ मुकेश वर्मा और बांदा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति भी शामिल हैं।

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