Supreme Court: डिजिटल उपकरण की जब्ती के लिए तैयार किया जाए दिशानिर्देश

Supreme Court: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार, 14 दिसंबर को केंद्र सरकार को पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा डिजिटल उपकरणों की जब्ती के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने केंद्र द्वारा 2021 से दिशानिर्देश तैयार करने में देरी को लेकर चिंता व्यक्त की। इस मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यूनतम एक महीने का प्रस्ताव रखा, तो बेंच ने जोर देकर कहा कि अधिकतम अवधि एक महीने होनी चाहिए। इसके बाद एएसजी राजू ने तीन महीने की अवधि का सुझाव दिया, जिससे सुप्रीम कोर्ट सहमत नहीं हुआ।
Supreme Court: 6 फरवरी को अगली सुनवाई
न्यायालय ने प्रस्तावित किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मैनुअल का पालन करना एक व्यवहार्य अंतरिम समाधान हो सकता है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि, कम से कम, जब्ती के दौरान एक मानक रखा जाए। न्यायालय ने सभी केंद्रीय सरकारी एजेंसियों को आधिकारिक दिशानिर्देश स्थापित होने तक डिजिटल उपकरणों की जब्ती के लिए सीबीआई मैनुअल का पालन करने का निर्देश दिया। साथ ही अंतरिम दिशानिर्देश तैयार करने के लिए छह सप्ताह की अवधि दी। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
Supreme Court: जनहित याचिका पर कर रही थी सुनवाई
बता दें कि शीर्ष अदालत दो जनहित याचिका याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कानून प्रवर्तन और जांच एजेंसियों द्वारा डिजिटल उपकरणों की जब्ती को नियंत्रित करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने की मांग की गई थी। इसमें एक याचिका फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स द्वारा दायर की गई है। दूसरी याचिका पांच शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा दी गई है, जिसमें कहा गया है कि जब डिजिटल उपकरणों को जब्त करने की बात आती है, तो जांच एजेंसियों द्वारा बेलगाम शक्तियों का प्रयोग किया जा रहा है।
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