सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को दिया झटका, अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका स्थगित

New Delhi : शीर्ष न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू को राहत देने से मना कर दिया। अदालत ने फाइबर-नेट केस में अग्रिम जमानत की मांग करने वाली नायडू की याचिका पर सुनवाई बारह दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
पीठ ने क्या कहा?
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले की सुनवाई की। पीठ ने याचिका को यह कहते हुए टाल दिया कि 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली नायडू की एक अन्य याचिका पर फैसला जल्द ही आने की संभावना है।
नायडू के वकील ने क्या दलील दी
अदालत में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम नायडू की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रारंभिक व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि यह व्यवस्था जारी रहेगी।
कोर्ट ने आंध्र पुलिस को क्या दिया था आदेश?
सनद रहे कि कोर्ट ने पहले आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा था कि वह फाइबर-नेट केस में नायडू को तब तक गिरफ्तार नहीं करे, जब तक कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में टीडीपी सुप्रीमो की याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती।
क्या है आरोप?
आंध्र प्रदेश पुलिस ने तेरह अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वे टीडीपी प्रमुख नायडू को हिरासत में नहीं लेंगे। फाइबर-नेट केस आंध्र प्रदेश फाइबर-नेट परियोजना के चरण-एक के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में कथित टेंडर में हेरफेर से संबंधित है। इसमें अपनी पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये का टेंडर देने का आरोप है।
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