
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने ‘मैनें गांधी को क्यों मारा’ फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि फिल्म की रिलीज के कारण याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ है।
कोर्ट ने कहा कि “अनुच्छेद 32 के तहत एक रिट याचिका केवल तभी दायर की जा सकती है जब मौलिक अधिकार के उल्लंघन का सवाल हो। याचिकाकर्ता का कोई मौलिक अधिकार नहीं है जिसका उल्लंघन हुआ प्रतीत होता है। याचिकाकर्ता को अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता है।”
याचिका सिकंदर बहल द्वारा दायर की थी। सिकंदर बहल ने याचिका के माध्यम से कहा है कि ये फिल्म राष्ट्रपिता की छवि को बदनाम करने और खराब करने का इरादा रखती है और नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करती है। फिल्म का उद्देश्य सांप्रदायिकता पैदा करना, नफरत फैलाना और शांति भंग करना है। इसके साथ ही सिकंदर बहल ने याचिका के जरिए ओटीटी प्लेटफार्मों को नियमों से बांधने की भी मांग भी की थी।
ये फिल्म 2017 में बनी थ। फिल्म में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और सांसद (सांसद) अमोल कोल्हे गोडसे की भूमिका निभा रहे हैं।