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Women Day Special: Vocal for Local अपनाकर ‘ब्रांड अरगा’ के रूप में सशक्त पहचान बना रहीं यूपी की महिलाएं

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Women Day Special: उत्तर प्रदेश की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में जुटी योगी सरकार के प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं। गोण्डा की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने इसको चरितार्थ कर दिखाया है। जिला प्रशासन की मदद से यहां स्वयं सहायता समूहों ने वोकल फॉर लोकल(Vocal for Local) के मंत्र को आत्मसात करते हुए ब्रांड अरगा
(Brand Arga) की शुरुआत की है। इस ब्रांड के तहत न सिर्फ महिलाएं तमाम तरह के खाद्य उत्पाद तैयार कर रही हैं, बल्कि उनकी मार्केटिंग (Marketing) और डिस्ट्रिब्यूशन (distribution)  भी कर पा रही हैं। इन उत्पादों को अरगा ब्रांड के रिटेल आउटलेट के साथ ही आईटीसी, स्मार्ट बाजार और वी मार्ट जैसे मेगा रिटेल स्टोर से भी आम लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं, जल्द ही इसे अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी लिस्ट कराने की तैयारी है।

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30 से 35 हजार रुपए प्रतिमाह तक की आय हो रही

Women Day Special: खास बात ये है कि इस ब्रांड अरगा (Brand Arga) के माध्यम से महिलाओं को 30 से 35 हजार रुपए प्रतिमाह तक की आय भी हो रही है, जिससे बड़े पैमाने पर इनके परिवार भी लाभान्वित हो रहे हैं। वहीं आम लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो पा रहे हैं। ब्रांड अरगा का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत किया जा रहा है, जिसका मूल उद्देश्य स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाओं की आजीविका संर्वधन का है। इसकी पूर्ति के लिए महिलाओं को उनकी परिस्थिति एवं इच्छानुसार प्रशिक्षण देकर रोजगारपरक गतिविधियों से जोड़ा जाता है।

अधिक प्रोडक्ट्स जोड़ेगा ब्रांड अरगा

Women Day Special: ब्रांड अरगा(Brand Arga) के तहत 45 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिससे सीधे-सीधे इनसे ताल्लुक रखने वाले 10 हजार लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। आईटीसी, स्मार्ट बाजार जैसे बड़े रिटेलर्स के साथ ही करीब 30 एमओयू किए गए हैं। वहीं, ब्रांड अरगा के उत्पादों से 15 से 20 प्रतिशत तक प्रॉफिट मार्जिन भी मिल रहा है और प्रत्येक महिला को प्रतिमाह अच्छी खासी आय हो रही है। ब्रांड अरगा द्वारा डिमांड और सप्लाई साइकिल को बरकरार रखने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत सभी अरगा प्रोडक्ट्स के लिए एक सेपरेट आउटलेट शुरू किया जा रहा है, जबकि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रोडक्ट्स की बिक्री की योजना है। इसके साथ ही फेज-2 में करीब 80 अन्य लोकल प्रोडक्ट्स को नियमित ट्रेनिंग के आधार पर शुरू किए जाने की भी योजना पर कार्य चल रहा है। यही नहीं, बारकोड जेनरेशन के जरिए मार्केट फीडबैक के आधार पर प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है।

उत्पादों की ब्रांड इमेज की गई तैयार

Women Day Special: गोण्डा की डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट अरगा एक ऐसी पहल है जिसके तहत एक अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर को सिस्टमैटिक तरीके से एक मार्केट प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। यह आर्थिक स्वावलंबन की तरफ एक बड़ा और बेहतर कदम है। खासतौर पर महिला सशक्तिकरण के लिए इसमें बहुत तत्व है। उन्होंने कहगा कि आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाओं के द्वारा गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार तो कर लिए जाते हैं, लेकिन उनके उत्पादों के विपणन के लिए एक व्यवस्थित बाजार का मंच नहीं उपलब्ध हो पाता है। इस समस्या का सर्वे करने पर यह तथ्य उभरकर सामने आया कि उत्पादों की एक ब्रांड इमेज तैयार की जाए जिससे समूहों द्वारा उत्पदित उत्पादों को पहचान मिल सके। इसी परिकल्पना का मूर्त रूप 16 जून 2023 को ब्रांड अरगा के रूप में उभर कर सामने आया।

ट्रेड मार्क के लिए रजिस्टर्ड करवाया गया है

ब्रांड अरगा को मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन में ट्रेड मार्क के लिए रजिस्टर्ड करवाया गया है। आज ब्रांड अरगा के तहत स्वयं सहायता समूह, ओडीओपी, खाद्यी ग्रामोद्योग और एफपीओ के सदस्यों को समाहित करने हेतु उनके द्वारा तैयार खाद्य पदार्थ की मार्केटिंग सुचारू रूप से की जा रही है। विभिन्न खुदरा व्यापरियों द्वारा ब्रांड अरगा के उत्पादों को अपने प्रतिष्ठान से विक्रय किया जा रहा है। गोण्डा विकास भवन परिसर में स्थापित अरगा रूरल मार्ट स्टोर में ब्रांड अरगा के उत्पादों की एक श्रृंखला उपलब्ध है।

प्रशिक्षण लेकर तैयार किए जा रहे उत्पाद

Women Day Special: ब्रांड अरगा से जुड़ीं महिला उद्यमी प्रतिभा शर्मा ने बताया कि हम यहां पर कई तरह के उत्पाद बना रहे हैं। इनमें वैदिक घी भी शामिल है जो वैदिक विधि से बनाया जाता है। इसके लिए हमने गुजरात जाकर गिरि संस्थान से ट्रेनिंग ली है। इसको बनाने में औषधियुक्त लकड़ियों का उपयोग किया जाता है जो बहुत से रोगों के निवारण में प्रयुक्त होती हैं। इसी तरह एक अन्य उद्यमी ऊषा तिवारी ने कहा कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर विशेष फोकस होता है, क्योंकि जो चीज अच्छी दिखेगी तभी अच्छी बिकेगी। पहले हमारी आमदनी 3-4 हजार ही थी, लेकिन अब 35-40 हजार तक कमा रहे हैं, जिससे घरवाले भी काफी खुश हैं। मालूम हो कि वर्तमान में 18 ग्राम संगठन और 245 स्वयं सहायता समूह ब्रांड अरगा से जुड़े हुए हैं। कुल 2940 परिवार सीधे तौर पर इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इसके सभी उत्पाद एफएसएसआई द्वारा पंजीकृत है और ग्राहकों के लिए सहज उपलब्ध हैं।

ये उत्पाद हो रहे तैयार

Women Day Special: ब्रांड अरगा के अंतर्गत विभिन्न उत्पाद जैसे दाल, चावल, सरसों का तेल, अचार, पापड़, बड़ी, मक्के का आटा, ज्वार का आटा, बाजरे का आटा, मल्टीग्रेन आटा, बेसर सत्तू, जौ का आटा, सिंघाड़े का आटा, कुटु का आटा, मक्के की दलिया, गेहूं की दलिया, बेकरी उत्पादन, नमकीन, शहद, बी पोलेन, मोरिंगा पाउडर, बुकनू, त्रिफना जूस, एलोवेरा जूस, आंवला जूस, सिरका, देशी घी, हल्दी, धनिया, खड़े मसाले, नूडल्स, विभिन्न प्रकार के सब्जी मसाले, बिरयानी मसाला, गुड़ के विभिन्न उत्पाद, रागी का लड्डू, अलसी का लड्डू, मक्के का लड्डू, गुड़ के विभिन्न उत्पाद, कैडी, जैम, जेली, मोटे अनाज व अन्य तैयार किए जा रहे हैं।

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