Tunnel Collapse: सरकार के प्रयास से कोर्ट ने जताई संतुष्टि, 1 दिसंबर को अगली सुनवाई
Tunnel Collapse: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह उत्तरकाशी जिले में आंशिक रूप से ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के पिछले 48 घंटों के दौरान सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से संतुष्ट है। इस संबंध में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की बेंच ने सरकार से 1 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई के दौरान आगे की प्रगति के बारे में अदालत को अवगत कराने को भी कहा। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “हम पिछले 48 घंटों के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं।
Tunnel Collapse: जनहित याचिका पर हो रही थी सुनवाई
कोर्ट गैर-सरकारी संगठन(एनजीओ) द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग 12 नवंबर को ढह गई थी, जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे। एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा कि मजदूर 12 नवंबर से सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं लेकिन सरकार को उन्हें बचाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
इस संबंध में पहली बार 21 नवंबर को मामला उठाया गया था, इसपर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद सरकार ने मामले में अपना जवाब दाखिल किया। जब मामला 22 नवंबर को सुनवाई के लिए आया, तो राज्य के वकील ने अदालत को सूचित किया कि सुरंग के अंदर फंसे व्यक्तियों को खाद्य सामग्री, दवाएं, पीने का पानी आदि की आपूर्ति की गई है और उन्हें एक वॉकी-टॉकी सेट भी दिया गया है। ताकि वे परिवार के सदस्यों और बचाव दल के अन्य सदस्यों के साथ संवाद कर सकें। सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि उनके बचाव में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और उन्हें जल्द से जल्द बचाया जाएगा। इस संबंध में अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।
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