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UP: सात महीनों से अधिकारियों की चल रही जॉच, भ्रष्टाचार ज्यों का त्यों

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शारदा सहायक परियोजना इण्टर कालेज में प्रधानमन्त्री पोषण योजना के भ्रष्टाचार की जॉच ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस विद्यालय के प्रधानाचार्य योगेश चन्द्र दूबे पर तमाम ऐसे घोटालो के आरोप लगे थे जिसकी लम्बे समय से जांच चल रही है। हिन्दी खबर ने इस विद्यालय में एमडीएम घोटाले की खबर प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और 13 अप्रैल को 3 सदस्यीय टीम ने विद्यालय पहुँच कर सभी बिंदुओं की जांच की। लेकिन जांच टीम ने अभी तक अपनी रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारियों को नही दी है।

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आपको बता दें विद्यालय बहराइच जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर कतर्नियाघाट वन क्षेत्र में होने के कारण इस विद्यालय की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहां पर बच्चों की संख्या में हेरफेर कर एमडीएम का बड़ा घोटाला किया गया था, जिसकी लंबे समय से मात्र जॉच चल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस विद्यालय में एमडीएम प्रभारी के तौर पर तैनात अमित श्रीवास्तव से जब हिंदी खबर ने जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने बताया कि एमडीएम का रजिस्टर प्रधानाचार्य के पास है और सारी जानकारी उन्हीं से मिल पाएगी।

वहीं विद्यालय में गणित शिक्षक पद पर प्रधानाचार्य द्वारा अपने चहेते शिक्षक रणजीत कुमार को सारे नियम कानून को ताख पर रखकर नियुक्त किया गया। जबकि विगत कुछ वर्ष पूर्व आयोग द्वारा पूजा नाम की शिक्षिका ने गणित शिक्षक का दायित्व संभाला था। लेकिन कुछ समय उपरान्त शिक्षिका ने प्रधानाचार्य पर अमानवीय व्यवहार कारण परेशान होते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत की।  प्रधानाचार्य के रसूख कारण कोई कार्यवाही न होने पर पीड़ित शिक्षिका ने अपने पद से पदमुक्त होने का पत्र उच्च अधिकारियों को लिखते हुए इस्तीफा दे दिया।

शारदा सहायक परियोजना इण्टर के प्रबंधक व सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनीष कुमार से हिंदी खबर ने विद्यालय से संबंधित कई विषयों पर बात की तो उन्होंने बताया कि लंबे समय से शारदा सहायक परियोजना इंटर कॉलेज में कोई मीटिंग नहीं की गई और ना ही अभी तक कोई जानकारी दी गई है। इस विद्यालय में प्रधानाचार्य द्वारा अपने व्यक्ति को अभिभावक संघ का अध्यक्ष बनाकर एमडीएम का पैसा निकाल लिया जाता है। जबकि अभी तक ना तो कोई अभिभावक संघ का चुनाव हुआ और ना ही कोई बैठक कराई गई। बात करें अगर यहां की रसोइयों की तो इस विद्यालय में 5 रसोइयों की तैनाती दिखाई गई है। जबकि कई सालों से वहां तीन रसोईया ही काम कर रही हैं।

शारदा सहायक परियोजना इंटर कॉलेज में मृतक आश्रित के तहत सफाईकर्मी की नौकरी पाए राजाराम की बात करें तो वह पिछले कई सालों से विद्यालय का बड़ा बाबू का दायित्व संभालते हुए अपने आपको बड़ा बाबू कहने में संकोच नहीं करते। जबकि छात्र छात्राओं एवम शिक्षकों के उपयोग के लिए बने विद्यालय के शौचालय में काफी गंदगी की भरमार है। यदि राजाराम पटल सहायक का काम देख रहे हैं। तो सफाई कर्मी का काम कौन करता है, यह हिन्दी ख़बर को कोई नहीं बता सका।

आपको बता दें कि शारदा सहायक परियोजना इन्टर कालेज में प्रधानमंत्री पोषण योजना के भ्रष्टाचार की जानकारी मिलने पर मुख्यालय लखनऊ से डायरेक्टर एमडीएम ने सितम्बर 2022 में बेसिक शिक्षा अधिकारी बहराइच को पत्र जारी करते हुए समयबद्ध जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा था। लेकिन 7 माह बाद भी डायरेक्टर एमडीएम का पत्र रसूखदार प्रधानाचार्य की पहुंच कारण मात्र एक कागज़ बना रहा।

हिन्दी ख़बर से डायरेक्टर एमडीएम की जॉच पत्र के विषय में बीएसए अव्यक्त राम तिवारी ने प्रधानाचार्य द्वारा जांच में सहयोग न करने का हवाला वाली रिपोर्ट को जिला विद्यालय निरीक्षक जय प्रताप सिंह को भेजना बताया। तो वहीं पुनः डीआइओएस महोदय ने 31 मार्च 23 को बीएसए से जॉच कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में देने को कहा। जो अभी भी प्रधानचार्य योगेश चन्द दूबे की पहुंच कारण लंबित है।

रिपोर्ट: शशांक सिन्हा

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