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UP: रास्ता बनाने के लिए उजाड़ दिए हरे भरे पेड़

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मामला जिला झाँसी के तहसील गरौठा अंतर्गत दुरखुरु का है। जहाँ निजी भूमि पट्टे के नाम पर  बड़ी बड़ी मशीनों से नदी में से धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। नई बस्ती दुरखुरु दलित बस्ती है दलित बस्ती में रहने वाले दलित परिवार के सैकड़ों लोगों ने एवं ग्राम प्रधान ने भी कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हुए अवैध खनन रोकने की गुहार लगाई थी। ग्राम वासियों ने आरोप लगाया था की खनन माफियाओं द्वारा दलित बस्ती के अंदर से तेज रफ्तार में बगैर रॉयल्टी के ओवरलोड ट्रक निकाले जाते हैं।

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जबकि इनका रास्ता बाहर से बना हुआ है। बस्ती के अंदर से तेज रफ्तार ट्रकों के निकलने से वहां के निवासियों एवँ उनके बच्चों को जान-माल को खतरा बना रहता है। परन्तु शिकायत के बाबजूद भी कोई ठोस कार्यवाही न होने से खनन माफियाओं के हौसले बुलन्द होते गए। पट्टा धारक द्वारा एनजीटी के नियमों के विपरीत बगैर फर्म के बोर्ड लगाए’ बगैर कांटे, बगैर सीसीटीवी कैमरा, बगैर स्केनर के घाट चलाया जा रहा है। निजी भूमि के साथ-साथ नदी में भी बड़े-बड़े गड्ढे खोद कर बालू बेच दी गई।

सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि दुरखुरु में निजी भूमि पट्टा के ठेकेदार द्वारा तहसील मोंठ अन्तर्गत परेक्षा घाट पर भी प्रतिवंधित मशीनों (लिफ्टरो) द्वारा नदी का सीना चीरकर अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है। जो एक जांच का विषय है। फिलहाल दुरखुरु में निर्धारित मात्रा से अधिक खनन करके ठेकेदार द्वारा सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगा दिया गया है। मामला यही समाप्त नही होता है। वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है, कि अपने उपयोग के लिए किस तरह हरे भरे पेड़ काटे गए है। जिनकी लकड़ी मौके पर पड़ी हुई है।

रिपोर्ट: अनिल कुमार शर्मा

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