Advertisement

UP: वर्षों से ड्यूटी से लापता हैं डॉकटर्स, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की बड़ी कार्यवाही

Share
Advertisement

महोबा की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार वर्षों से ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर डिप्टी सीएम की कार्यवाही का डंडा चला है। जनपद में तैनात चार डॉकटरों की डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सेवाएं समाप्त कर दी वहीं एक डॉक्टर की पेंशन रोक दी गई है। वर्षों से अनुपस्थित चल रहे इन डॉक्टरों की शिकायत मिलने पर यह कड़ा कदम उठाया गया है। बीते दिनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के महोबा दौरे में डॉक्टरों की अनुपस्थिति की शिकायत हुई थी जिस पर सभी को निलंबित कर दिया गया। डिप्टी सीएम की कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है और उम्मीद जताई जा रही है कि हटाए गए डॉक्टर के स्थान जनपद में नए डॉक्टरों की तैनाती हो सकती है।

Advertisement

महोबा जनपद के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी किसी से छिपी नहीं है। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही है, लेकिन इन स्वास्थ्य सेवाओं में कोढ़ में खाज का काम तैनाती के बाद वर्षों से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टर कर रहे थे। जिस पर डिप्टी सीएम की कार्यवाही का अब डंडा चला है। आपको बता दें कि बीते दिनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने महोबा जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए निरीक्षण किया था। जहां उन्हें शिकायतें मिली थी कि तैनाती के बाद से कई डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं।

आखिरकार इस मामले में जांच के बाद सत्यता पाए जाने पर डिप्टी सीएम ने जनपद में तैनात 4 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी साथ ही एक डॉक्टर की पेंशन को भी रोक दिया गया। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सभी डॉक्टरों और कार्यवाही के साथ-साथ ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है। डिप्टी सीएम की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य में महकमें में हड़कंप सा मच गया। बताया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात यह डॉक्टर वर्षों से लापता चल रहे थे।

बताया जाता है कि पनवाड़ी विकासखंड के किल्हौआ गांव में संचालित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती के बाद से डॉक्टर अनिल कुमार साहू 23 मई 2011 से अनुपस्थित चल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इसी विकासखंड के पनवाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 अक्टूबर 2012 से डॉ० सरिता कटियार भी लापता है। जैतपुर विकासखंड के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अकौना में तैनात डॉक्टर सुशील कुमार भी 26 मई 2012 से अनुपस्थित है। जबकि नवीन प्राथमिक स्वास्थय केंद्र खन्ना में तैनात डॉ० देवेंद्र कुमार अस्पताल में नहीं बैठ रहे थे। वहीँ चरखारी के सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में तैनात रहे डॉक्टर पर एक जाँच के तहत कार्यवाही करते हुए पेंशन रोक दी गई।

ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है। ऐसे में इन डॉकटरों की खुली लापरवाही स्वास्थ्य सेवाओं को बेपटरी किये थी। जिस पर डिप्टी सीएम ने संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्यवाही कर डाली और उन तमाम डॉक्टरों को ही सेवा समाप्त कर दी गई। जानकार बताते हैं कि तैनाती के समय डॉक्टरों से शासन द्वारा एक बॉन्ड अनुबंध के तौर पर भराया जाता है। जिस पर तमाम शर्तों के तहत अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं देने के नियम शर्ते और समय सीमा शामिल होती है लेकिन बावजूद इसके इन लापरवाह डॉक्टरों द्वारा अपने पेशे से धोखा किया गया।

वर्षों से ड्यूटी से नदारद इन डॉक्टरों पर अब कार्यवाही की गाज गिरी है। दीप्ती सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थय सेवाओं से खिलवाड़ कर रहे डॉकटरों पर कार्यवाही के एक नजीर पेश की है। जिससे अन्य डॉक्टरों में भी खौफ देखा जा रहा है। इन डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से जनपद को नए डॉक्टर मिल सकते है। इस मामले को लेकर सीएमओ डॉ० डीके गर्ग बताते है कि मीडिया से उन्हें ये जानकारी मिली है कि ड्यटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर डिप्टी सीएम ने कार्यवाही की है। ये वो डॉक्टर थे जो लॉन्ग टाइम से अपने ड्यूटी पर ही नहीं आए।

रिपोर्ट- शांतनु सोनी

ये भी पढ़ें:UP: 84 प्रतिशत मामलों में डायल 112 ने घटनास्थल पर ही कराया समस्याओं का निस्तारण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *