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Stubble Burning: योगी सरकार का जागरूकता अभियान, पराली जलाने की घटना में आई कमी

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Stubble Burning: गिरती वायु की गुणवत्ता और बढ़ते प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्य परेशान है। इससे लड़ने के लिए सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई भी कर रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को जागरूक कर पराली जलाने से रोक रही है। साथ वैसे किसान जो बात नहीं मान रहें है। उनपर सख्ती बरती जा रही है और जुर्माना भी लगा रही है। इसको लेकर सरकार ने कुछ आंकड़े भी जारी किए है। जिसके अनुसार साल 2017 में पराली जलाने की घटना कुल 8784 थे जो अब 2023 में महज 906 रह गए।

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Stubble Burning: निरंतर जारी है जागरूकता अभियान

 सरकार इस दिशा में लगातार किसानों को जागरूक कर रही है। लेकिन वैसे किसान जो बाज नहीं रहें उनपर कार्रवाई भी की जा रही है। सरकार के इस कदम से पराली जलाने की घटनाओं में कमी आ रही है। इसके साथ ही सरकार की इस सख्ती से फसल जलने की घटनाओं में भी कमी दर्ज की गई है। दिल्ली-एनसीआर से सटे जिलों के किसान भी इसको लेकर जागरूक हो रहे हैं। इस कदम के माध्यम से सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में पराली जलने की घटनाओं में कमी लाया जाए। ताकि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से लड़ाई को प्रभावशाली बनाया जा सके।

फसल अवशेष प्रबंधन पर जोर दे रही सरकार

आंकड़ों की माने तो सरकार की कोशिशें रंग ला रही है। किसान जागरूक हो रहा है इसके साथ जो किसान नहीं मान रहे हैं उनपर प्रशासन कार्रवाई भी कर रही है। साल 2022 में पराली जलाने की कुल 3017 घटनाएं हुई थी तो घटकर 2023 में 906 हो गई है। इसके अलावा प्रदेश सरकार फसल अवशेष प्रबंधन पर भी काफी जोर दे रही है। फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आई०ई०सी० कार्यक्रम लागू की गई है। इसके तहत किसानों को बायो डिकम्पोजर की मुफ्त आपूर्ति के साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एकल कृषि यंत्र एवं फार्म मशीनरी बैक अंतर्गत फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों का वितरण किया जा रहा है।

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