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बलरामपुर के कई मदरसों में राष्ट्र का अपमान, फहराया तिरंगा लेकिन नहीं हुआ राष्ट्रगान

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एक तरफ देश-प्रदेश में रहने वाला मुस्लिम समुदाय सरकार द्वारा तमाम तरह की जन सुविधाओं को लेने में पीछे नहीं हटता। वहीं, दूसरी तरफ जब राष्ट्र की बात आती है, तब वह ‘पाक कुरान शरीफ’ की आयतों में लिखे बातों का भी ध्यान नहीं करते। कुछ ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला बलरामपुर जिले से सामने आया है। यहां पर कुल 497 मदरसे संचालित किए जाते हैं। जिनमें से 25 मदरसे ऐसे हैं, जिन्हें सरकार द्वारा करोड़ों रुपयों का अनुदान देकर संचालित करवाया जाता है। इसके साथ ही भारत सरकार की आधुनिकीकरण योजना से मदरसों को जोड़कर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मुस्लिम वर्ग के छात्र-छात्राओं को दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने पर जोर दे रहा है। वहीं दूसरी तरफ बलरामपुर में राष्ट्र के अपमान का मामला सामने आया है।

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विस्तार से पढ़ें-

दरअसल, 15 अगस्त को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। इस बार का स्वतंत्रता दिवस बेहद खास भी था। भारत सरकार द्वारा मेरा माटी मेरा देश और अमृतकाल योजना के ज़रिए इस दिन को बेहद खास बनाने की कोशिश की गई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री समेत तमाम आला अधिकारियों ने इस संदर्भ में पत्र जारी करते हुए प्रदेश भर में संचालित मदरसों में बेहद जोश-ओ-खरोश के साथ यौम-ए-आज़ादी मनाने की सलाह दी थी, लेकिन जिले में संचालित मदरसों को ना तो देश के सम्मान की परवाह है और ना ही सरकारी आदेशों और अधिकारियों का कोई डर। इसीलिए यहां पर तिरंगा झंडा तो फहराया जाता है लेकिन उसके सम्मान में ना तो राष्ट्रगान गाया जाता है और ना ही ‘भारत माता की जय’ का उदघोष किया जाता है।

झंडारोहण के बाद नहीं गाया गया राष्ट्रगान

कुछ इसी तरह का नज़ारा जिले के उतरौला में स्थित मदरसा अल्जामे अतुल गौसिया अरबी कॉलेज व पचपेड़वा बाजार में स्थित मदरसा ग़रीब नवाज़ में देखने को मिला है। उतरौला में स्थिर मदरसा अल्जामे अतुल गौसिया अरबी कॉलेज के वायरल वीडियो में यह देखा जा सकता है कि यहां झंडारोहण के बाद ना तो राष्ट्रगान गाया जाता है और ना ही भारत माता की जय का उदघोष किया जाता है। वहीं, मदरसा गरीब नवाज़ के वायरल वीडियो में झंडारोहण के बाद ‘सारे जहां से अच्छा’ गाया जाता है।

देशभक्ति के नाम पर भी साध लेते हैं चुप्पी

जब हमने इस वायरल वीडियो के बारे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य से बात करने की कोशिश की तो उनका फोन नहीं उठा। वहीं, जिले के अन्य आला अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। अब अधिकारियों का क्या ही कहा जाए। जब वह देश प्रेम और देश भक्ति के मामले में भी चुप्पी साध लेते हैं तो मदरसों में फैले भ्रष्टाचार पर क्यों न चुप्पी साध लें।

(बलरामपुर से योगेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट)

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