AAP सांसद संदीप पाठक का भाजपा पर वार, कहा- ‘महिला आरक्षण बिल भी एक जुमला..’

महिला आरक्षण बिल लोकसभा सदन में ध्वनिमत से पारित हो गया है। वहीं, आज राज्यसभा सदन में पेश किया गया है। राज्यसभा में बिल पर चर्चा हुई। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने इस बिल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। संदीप पाठक ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए महिला शक्ति वंदन अधिनियम यानी महिला आरक्षण बिल को जुमला बताया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का नारी बचाओ अभियान एक पैकेज है, जिसे खोलो तो बृजभूषण सिंह निकलते हैं। जिस तरह से कला धन वापसी, 18 करोड़ नौकरियां, किसान की दुगनी आय और महंगाई कम करने वाले वादे जुमले साबित हुए उसी तरह महिला आरक्षण बिल भी एक जुमला है।
वहीं संदीप पाठक ने राजधानी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की तारीफ भी की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली में सबसे ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए, महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा और उनमें मार्शल अपॉइंट करना ये सपष्ट करता है की कथनी और करनी में कितना फर्क होता है।
नारियों को देवियों की तरह पूजना हमारी संस्कृति है किसी पार्टी से सीखने की नही हमे जरूरत आप बताएं आपने सरकार में रहकर महिलाओं के लिए क्या किया।
उन्होंने कहा कि सामाजिक व्यवस्था के कारण महिलाओं को जो स्थान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया। इसलिए ये बिल देश और समाज के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस बिल का आइडिया 1987 में राजीव गांधी के द्वारा आया था, इसे बिल बनने में लगभग 35 साल लग गए। हम बड़े उत्साहित थे, लेकिन जब बिल पढ़ा तो पता चला ये महिलाओं को बेवकूफ़ बनाने की कोशिश है। भाजपा की यह बिल महिलाओं को आरक्षण नहीं दे रही, महिलाओं से आरक्षण ले रही है।
संदीप पाठक ने कहा कि महिला आरक्षण बिल के 3 महत्वपूर्ण पक्ष हैं। पहला महिलाओं के लिए 33% आरक्षण, दूसरा जनगणना और परिसीमन के बाद लागू होगा, कब लागू होगा इसके भविष्य के बारे में किसी को कुछ नहीं पता है। बिना रोटेशन को कलैरिफाई किए, आप कैसे बिल ला सकते हैं।