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Atique Ahmed के भाई की मदद करने वाले 6 जेल अधिकारी सस्पेंड

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कैदी खालिद अज़ीम a.k.a. अशरफ और उसके गुर्गे और साले के बीच कथित रूप से अवैध बैठकों को सुविधाजनक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जेलर समेत बरेली के छह जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।  

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आपको बता दें कि अशरफ, एक पूर्व विधायक है। साथ ही गैंगस्टर-राजनीतिज्ञ अतीक अहमद का छोटा भाई है, जो वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। निलंबित किए गए लोगों में जेलर राजीव कुमार मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह, हेड वार्डन बृजवीर सिंह और वार्डन मनोज गौर, दानिश मेहंदी और दलपत सिंह शामिल हैं।

राज्य सरकार ने पहले अशरफ की अवैध बैठकों की जांच के आदेश दिए थे। सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आर.एन. डीआईजी-जेल पांडे ने चारों अधिकारियों के नाम लिए हैं।

इससे पहले भी अधिकारियों को किया गया है सस्पेंड

इससे पहले कैंटीन आपूर्तिकर्ता दया राम और जेल प्रहरी शिव हरि अवस्थी को पहले अशरफ को जेल के अंदर गुप्त बैठकें करने में मदद करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

उन पर जेल के बाहर से अशरफ का खाना और सामान सप्लाई करने का भी आरोप है। अशरफ 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में बरेली जेल में है।

पांडे द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, अशरफ के बहनोई सद्दाम ने जेलर, डिप्टी जेलर और अन्य अधिकारियों की सहायता से उन्हें जेल में डाल दिया। हालांकि, जेल के आधिकारिक रिकॉर्ड में बैठकों का कोई उल्लेख नहीं है।

इस बीच दया राम ने अशरफ के लिए पैसे मुहैया कराए और जेल के बाहर से खाने-पीने की अन्य चीजों का इंतजाम किया। बरेली जेल प्रशासन ने पहले ही अशरफ, सद्दाम, उसके स्थानीय सहयोगी लल्ला गद्दी, शिव हरि अवस्थी और दया राम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

इससे पहले जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो और उनके ड्राइवर नियाज अंसारी की 12 फरवरी को जेल परिसर के अंदर से गिरफ्तारी के बाद चित्रकूट जेल प्रशासन, कैंटीन सप्लायर और अपराधियों के बीच इसी तरह की सांठगांठ का खुलासा हुआ था।

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