परंपराः इस मंदिर में शारदीय नवरात्र में महिलाओं का प्रवेश वर्जित
Unique Temple in Bihar: नवरात्र के अवसर पर देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। बिहार के नालंदा जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां शारदीय नवरात्र में महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह परंपरा ईसा से 300 वर्ष पुरानी है।
Unique Temple in Bihar: गिरियक प्रखंड में स्थित है मंदिर
पूरे देश में आज से नवरात्र प्रारंभ हो गया है। मां दुर्गे की आराधना में भक्त लीन हो गए हैं। नालंदा जिला के गिरियक प्रखंड के घोसरावा गांव स्थित मां आशापुरी मंदिर है। यहां पर शारदीय नवरात्र के मौके पर महिलाओं का प्रवेश को वर्जित रहता है।
Unique Temple in Bihar: पुरुष भी नहीं कर सकते गर्भगृह के दर्शन
नौ दिनों तक महिलाएं मंदिर परिसर और गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। पुरुषों को भी सिर्फ मंदिर परिसर में पूजा करने की अनुमति रहती है। यहां नवमी को पूजन हवन होता है।
Unique Temple in Bihar: अतिप्राचीन मंदिरों में है शुमार
बिहार के अतिप्राचीन मंदिरों में शुमार मां आशापुरी के मंदिर में नवरात्र की शुरुआत के साथ ही रविवार से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। यह मंदिर पावापुरी मोड़ से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर घोसरावा गांव में स्थित है।
मगध साम्राज्य में हुआ था मंदिर निर्माण
इस मंदिर का निर्माण मगध साम्राज्य में पाल काल में हुआ था। यहां पर मां दुर्गा की अष्टभुजा प्रतिमा स्थापित है। बताया जाता है कि मां आशापुरी मंदिर में तंत्र विद्या के तहत पूजा होती है और मां दुर्गे की आराधना होती है। यही वजह है कि यहां 9 तक महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है।
मन्नत पूरी होने की वजह से मंदिर का नाम आशापुरी
मान्यता है कि इस मंदिर में जो लोग सच्चे भाव से मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नत पूरी होती है। इसीलिए इस मंदिर का नाम आशापुरी रखा गया। यहां बंगाल, झारखंड, ओड़ीसा, बिहार समेत कई राज्यों के लोग मां के दर्शन को आते हैं।
विजयदशमी का रात्रि से सर्वप्रथम स्त्री करती हैं दर्शन
मंदिर के पुजारी जनार्दन पांडेय ने बताया नवरात्र के बाद विजय दशमी की रात्रि से सर्वप्रथम कोई स्त्री ही मंदिर में दर्शन को जाती है। इसके बाद ही और लोग दर्शन कर सकते हैं।
Unique Temple in Bihar: चैत्र के नवरात्र में नहीं रहता प्रवेश वर्जित
पुजारी जनार्दन पांडेय ने बताया कि चैत्र के नवरात्र में यहां प्रवेश वर्जित नहीं रहता है। उस दौरान भी यहां विशेष पूजा अनुष्ठान होते हैं।
रिपोर्ट: आशीष, संवाददाता, नालंदा, बिहार
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