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Punjab News: प्रतीकात्मक प्रमुख होती है राज्यपाल की भूमिका, SC ने की टिप्पणी

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Punjab News: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस बात पर सहमति जताया है कि राज्यपाल किसी राज्य का केवल एक प्रतीकात्मक प्रमुख होता है, और विधायिकाओं की कानून बनाने की शक्तियों को विफल नहीं कर सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि 19 जून, 20 जून और 20 अक्टूबर, 2023 को आयोजित पंजाब विधानसभा के सत्र की वैधता पर संदेह करने का कोई वैध संवैधानिक आधार नहीं है।

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Punjab News: राज्यपाल के पास खुला कोई संवैधानिक विकल्प नहीं

कोर्ट ने आगे टिप्पणी करते हुए कहा, “सदन के सत्र की वैधता पर संदेह व्यक्त करना राज्यपाल के लिए खुला कोई संवैधानिक विकल्प नहीं है…इसलिए, हमारा विचार है कि पंजाब के राज्यपाल को अब उन विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए आगे बढ़ना चाहिए जो पारित हो चुके हैं।”  आगे न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि कोई राज्यपाल विधायी विधेयकों के अधिनियमन को रोकने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकता है।

राज्यपाल की भूमिका एक मार्गदर्शक राजनेता के रूप में

कोर्ट ने निर्णय दिया, “राज्यपाल, एक मार्गदर्शक राजनेता के रूप में, विधेयक की संपूर्णता या उसके किसी भाग पर पुनर्विचार की सिफारिश कर सकते हैं और यहां तक ​​कि संशोधन पेश करने की वांछनीयता का संकेत भी दे सकते हैं। हालांकि, राज्यपाल की सलाह को स्वीकार करना है या नहीं, इस पर अंतिम निर्णय जैसा कि इसमें निहित है संदेश केवल विधायिका का है।”

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