जंगल के रक्षकों को अब नहीं करना होगा वेतन का इंतजार, पंजाब के मंत्री ने दिया आदेश
पंजाब के वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने वन कर्मियों की रुकी हुई तनख्वाह को लेकर राहत भरा आदेश जारी किया है जिसमें जंगल के रक्षकों को जल्द वेतन जारी किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भविष्य में किसी भी कर्मचारी की तनख्वाह देनें में देरी न करें। कटारूचक्क ने मंगलवार को मोहाली के सेक्टर-68 में स्थित फॉरेस्ट कांप्लेक्स में जंगलात वर्कर यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर इस फैसले को मंजूरी दी है
कटारूचक्क ने कहा- कि पंजाब सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के अंतर्गत वर्करों का मेहनताना समय पर अदा करने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के मुद्दों पर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को हिदायतें दीं कि वरिष्ठता सूची तैयार करने में पारदर्शिता बरती जाए और जहां तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत रुकीं तनख्वाहों का मामला है तो इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि भविष्य में वर्करों की तनख्वाहें समय पर जारी की जाएं। न्यूनतम मेहनताने के बकाये संबंधी उन्होंने आश्वासन दिया कि इसको लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर कार्रवाई की जाएगी
मंत्री ने कहा कि पांच साल तक के अनुभव वाले वर्करों को स्किल्ड, तीन साल वालों को सेमी-स्किल्ड और तीन साल से कम तजुर्बे वालों को अनस्किल्ड श्रेणी में रखे जाने का प्रस्ताव श्रम विभाग को जल्द ही भेजा जाएगा। 50 साल से ज्यादा उम्र के वर्करों को प्रोमोशन के लिए टाइपिंग टेस्ट में छूट देने का मामला संबंधित विभाग के समक्ष उठाया जाएगा।
इस फैसले के साथ-साथ कटारूचक्क ने यूनियन के सदस्यों से पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि फगवाड़ा-चंडीगढ़ सड़क का इसी योजना के अंतर्गत सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इस मौके पर यूनियन ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने संबंधी राज्य सरकार के फैसले की सराहना की।