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Mandi Mayor Elections: Congress के पास मंडी मेयर चुनाव में जोड़-तोड़ का जुगाड़, बहुमत BJP के पास

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Mandi Mayor Elections: हिमाचल प्रदेश में मंडी नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का ढाई साल का कार्यकाल 13 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा। दोनों महत्वपूर्ण पद अब नए कर्मचारियों से भरे जाएंगे। पहले मेयर की सीट आरक्षित थी, लेकिन इस बार सीट ओपन है, जिससे दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। मंडी में बीजेपी ‘BJP’ के पास बहुमत है। यहां 15 में से 11 सीटें बीजेपी ‘BJP’और 4 सीटें कांग्रेस ‘Congress’ के खाते में हैं। अब बीजेपी ‘BJP’के अंदर मेयर पद के लिए बड़ी लड़ाई शुरू हो गई है।

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दावेदारों में, वीरेंद्र भट्ट शर्मा, जो वर्तमान में डिप्टी मेयर का पद संभाल रहे हैं, और सुमन ठाकुर, जिन्होंने उनके कार्यकाल के दौरान परिषद अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था, इस पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। दोनों ने जहां अंदर-अंदर लॉबिंग शुरू कर दी है, वहीं अन्य नाम भी शामिल हो गए हैं सोमेश उपाध्याय, माधुरी कपूर और राजा सिंह भी मैदान में हैं। मौजूदा मेयर दीपाली जस्वाल इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले रही हैं। हालांकि बीजेपी ‘BJP’ने मीडिया में सार्वजनिक रूप से अपने दावे नहीं किए हैं, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा है कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वे उसे निभाने के लिए तैयार हैं।

कांग्रेस के पास है जोड़तोड़

वहीं, जब हम कांग्रेस ‘Congress’की बात करते हैं तो देखते हैं कि कांग्रेस ‘Congress’के सलाहकार जोड़-तोड़ की राजनीति में लगे हुए हैं। प्रदेश में कांग्रेस ‘Congress’ की सरकार है और बीजेपी ‘BJP’ के मेयर पद के उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसलिए कांग्रेस ‘Congress’को लगता है कि राजनीतिक खेल खेलकर और नाराज लोगों को शामिल करके वे मेयर पद पर कब्जा कर लेंगे। इस बात का संकेत वरिष्ठ नेत्री एवं नगर निगम की पार्षद अल्कनंदा हांडा ने दिया। अल्कनंदा हांडा का कहना है कि कांग्रेस के चारों पार्षद मेयर पद के लिए योग्य हैं और भाजपा के 10 पार्षद उनके संपर्क में हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए कौन मुकाबला करेगा।

इतिहास क्या कहता है?

इतिहास बताता है कि सोवियत काल में एक समय ऐसा भी आया था जब कांग्रेस ‘Congress’ने भाजपा ‘BJP’के साथ हाथ मिलाते हुए जोड़-तोड़ करके अध्यक्ष पद की कुर्सी हथिया ली थी और भाजपा को उपाध्यक्ष का पद थमा दिया था। हालांकि, अब परिस्थितियां बदल गई हैं।

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