Loksabha Election: बीजेपी लगाएगी अन्य पार्टियों के परंपरागत वोटों में सेंध ? योगी का दावा 80 की 80 सीटें जीतेगी भाजपा

उत्तर प्रदेश की सियासत में सियासत का पारा फिर सांतवें आसमान पर जाता दिख रहा है। उसका कारण है 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव। जानकारी के लिए बता दें कि यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं । जिस पर जातिगत समीकरण काफी हावी रहता है। राजनीतिक जानकारों की माने तो यूपी की कुल आबादी की अगर बात करें तो उसमें 11 प्रतिशत यादवों की हिस्सेदारी है वहीं दलितों की 21 फीसदी और मुसलमानों की 18 फीसदी है। राज्य में 17 सीटें अनसूचित जाति की भी हैं। अब आप सोच रहे होंगे की 2024 की राजनीतिक हवाओं का बाजार अभी से क्यों गर्म हो गया है। तो इस खबर में हम इसी पर नजर डालेंगे।
2024 लोकसभा चुनाव की कवायतें हुईं तेज
हाल ही में आये यूपी के लोकसभा उपचुनाव के नतीजे के बाद से तो भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदों में ऐसे पंख लग गए कि मानो यूपी की 80 सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा होने जा रहा हो। इसी कड़ी में सूबे के मुख्यमंत्री ने भी बड़ा दावा किया है। इसी को देखते हुए सियासत के गलियारों में एक नया रंग सा घुल गया है।
उपचुनाव की जीत ने बदले बीजेपी के सुर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव जीतने के बाद दावा किया है कि साल 2024 में उत्तर प्रदेश की 80 में 80 लोकसभा सीटें जीतेंगे। इसके पहले भाजपा ने 80 में 75 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
अब खासतौर से भाजपा को उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीट जीतने के लिए यादव, जाटव (अनुसूचित जाति) और पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर एक प्रयास करना होगा । केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट से इस बात के संकेत साफ मिल रहे हैं कि उन्होंने लिखा कि साल 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुस्लिम और यादव ‘एमवाई’ समीकरण तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के परंपरागत जाटव मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा पूरी ताकत से जुट गई है, इसकी झलक उपचुनाव के नतीजों से साफ देखी जा सकती है।