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झारखंड: IAS और IPS को सिखना होगा स्थानिय भाषाओं का ज्ञान, परीक्षा की तैयारी के लिए लेंगे ऑनलाइन क्लास

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झारखंड: IAS और IPS के लिए झारंखड में ऑनलाइन क्लास चलाया जायेगा, जिसमें वो स्थानिय भाषाओं का ज्ञान ले सकेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कल्याण विभाग ने ये योजना बनाई है।

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CM के सवाल पर सभी अधिकारियें में छाया संनाटा

21 अप्रैल को रांची में सिविल सर्विस डे के अवसर पर CM हेमंत सोरेन ने एक कार्यक्रम के दौरान हॉल में मौजूद अफसरों से पूछा कि यहां मौजूद सभी IAS और IPS में से कितनों को कुरुख, संथाली सहित स्थानीय भाषाओं का ज्ञान है। CM के इस प्रश्न पर हॉल में शांति छा गई। हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को स्थानीय भाषा नहीं जानने के लिए भी फटकार लगाई क्योंकि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ऐसी कोई भाषा नहीं जानता था।

इसलिए झारखंड सरकार ने जनजातीय भाषा सीखना अब सभी IAS और IPS अधिकारियों को अनिवार्य कर दिया है। यह एक तीन महीने का ऑनलाइन पाठ्यक्रम होगा, जिसके माध्यम से अधिकारी कुरुख, मुंडारी, खड़िया, हो, संथाली और भूमिज भाषा के साथ-साथ जनजातीय समाज की संस्कृति और इतिहास को भी जान सकेंगे, ताकि अधिकारी गांव के आदिवासी या आम लोगों से उन्हीं की भाषा में बात कर सकें।

15 नवंबर से शुरु होगी परीक्षा की तैयारी

योजना कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर बनाई है। यह भी कहा गया है कि जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) पाठ्यक्रम बनाएगा। कल्याण विभाग के अधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि सभी अधिकारियों को तीन महीने का पाठ्यक्रम और ऑनलाइन परीक्षा देना अनिवार्य होगा। परीक्षा में सफल होने पर अधिकारी को सर्टिफिकेट मिलेगा। वहीं, परीक्षा फेल होने पर दोबारा परीक्षा देनी होगी।

रांची विश्वविद्यालय के जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में जल्द ही इस विषय पर एक कार्यशाला होगी, उन्होंने बताया। इसमें पाठ्यक्रम का अंतिम संस्करण होगा। 15 नवंबर, राज्य स्थापना दिवस पर, यह पाठ्यक्रम भी आधिकारिक तौर पर शुरू किया जाएगा।

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