Advertisement

आरक्षण वृद्धि लागू करने पर CM हेमंत सोरेन ने लगाया विपक्ष पर षड्यंत्र का आरोप

Share
Advertisement

झारखंड विधानसभा में लाए गए झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में भी उस प्रविधान पर विपक्ष के विधायकों ने सवाल उठाए जिसमें कहा गया है कि यह संशोधन अधिनियम भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल होने पर लागू होगा। भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी तथा आजसू विधायक लंबोदर महतो ने राज्य में लागू किए जाने के बाद उसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रविधान करने का प्रस्ताव दिया। हालांकि यह भी अस्वीकृत हो गया। निर्दलीय विधायक अमित कुमार महतो ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव लाया जो भी अस्वीकृत हो गया।

Advertisement

विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव में षड्यंत्र की आ रही है बू: हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसपर चर्चा के दौरान कहा कि विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव में षड़यंत्र की बू आ रही है। सवा तीन करोड़ जनता के इस मंदिर में षड़यंत्र नहीं होना चाहिए। कहा कि ये चाहते हैं कि यह अधिनियम लागू ही नहीं हो। किसी तरह यह उलझ जाए। वर्तमान सरकार ने तो यह प्रविधान विधेयक को सुरक्षा कवच पहनाने के लिए किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी सरकार ने ही ओबीसी के आरक्षण को 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत किया था।

गहन विमर्श के बाद सरकार लाती है कोई विधेयक: हेमंत सोरेन

इससे पहले लंबोदर महतो ने विधेयक में कुल आरक्षण 77 प्रतिशत किए जाने को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का संशोधन प्रस्ताव लाया। उन्होंने अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग अनुसूची एक का आरक्षण 20 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग अनुसूची दो का आरक्षण 16 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को आधार बताया। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोई विधेयक लाती है तो सभी स्तरों पर गहन विमर्श कर लाती है। उन्होंने इस विधेयक में संशोधन की आवश्यकता नहीं बताई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें