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HPSC Result Controversy: हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन अब बन गया है हेराफेरी सर्विस कमीशन- अनुराग ढांडा

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HPSC Result Controversy: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर हरियाणा लोक सेवा आयोग के रिजल्ट को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खट्टर सरकार दलित, पिछड़ा और दिव्यांग विरोधी है। ये पूरा देश जानता है कि खट्टर सरकार रिजर्वेशन के खिलाफ है। सरकार ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। लेकिन जिस तरीके से हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन काम कर रहा है उससे साफ नजर आता है कि खट्टर सरकार की मंशा ठीक नहीं है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन अब हेराफेरी सर्विस कमीशन बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि अपने चहेतों को पीछे के रास्ते एंट्री देने के लिए कम युवाओं का चयन किया है। आयोग युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगा है।

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HPSC Result Controversy: ईबीसी और ओबीसी के साथ दुर्भावना

आप नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि जिन 61 पदों के लिए आयोग द्वारा चयन किया गया है, उनमें ओबीसी और ईबीसी के साथ भेदभाव किया गया है। 61 चयनित उम्मीदवारों में से 18 सीटों पर एससी उम्मीदवार का होना चाहिए था, लेकिन केवल 6 सीटें पर ही इन श्रेणी के उम्मीदवारों को भरी गई और 12 सीटें खाली रह गई हैं। बीसी उम्मीदवार के 10 सीटें रिक्त थी लेकिन इनमें से केवल 3 पदों के लिए चयन किया गया, इसके अलावा BC-A और BC-B को अलग-अलग करके देखें तो, BC-B की 5 सीटों में से एक भरी गई है और दिव्यांग श्रेणी में 4 सीटों थी, जिसके लिए कोई चयन नहीं किया गया। इसका मतलब हरियाणा सरकार ने सुनियोजित तरीके से भर्ती प्रकिया और मान दंडों से छेड़छाड़ करते हुए 100 पदों में से केवल 61 पदों के लिए चयन किया है।

मनोहरलाल खट्टर जातीय जनगणना के विरोध में हैं

अनुराग ढांडा ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार पूरे रिजल्ट को अपनी देखरेख जारी किया है ताकि एससी, बीसी और दिव्यांग उम्मीदवारों का कम से कम संख्या में चयन हों। इन पदों को खाली रख लिया गया। हरियाणा सिविल सर्विसेज में एससी और बीसी की जितनी संख्या में भागीदारी होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हो रही है। इसलिए जब भी देश में जाति जनगणना की बात होती है, तो केवल भारतीय जनता पार्टी उसके खिलाफ नजर आती है। हरियाणा में तो मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर खुलकर जातीय जनगणना का विरोध कर रहें हैं।

लोग वोट से करेंगे चोट

अनुराग ढ़ांडा ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के मन में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांगों के प्रति ऐसी भावना है कि जातीय जनगणना के माध्यम से इनकी गणना नहीं कराना चाहते और हरियाणा सिविस सेवा में इनके साथ भेदभाव देखने को मिलता है। इससे हरियाणा की जनता के सामने मुख्यमंत्री खट्टर का असली चेहरा सामने आ गया है, जो वोट तो एससी और ओबीसी से खूब मांगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन जब इनके बच्चों को हरियाणा सिविल सेवा में भर्ती करने का समय आता है, तो सीएम खट्टर का हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन यानी हेराफेरी सर्विस कमीशन आयोग उन बच्चों को उन पदों के लिए चयनित नहीं होने देता और दुर्भावना के साथ पूरी चयन प्रक्रिया  को अंजाम दिया जाता है। जिसका जवाब जनता सीएम खट्टर को 2024 में लोगों के बीच वोट मांगने जाएंगे, तो लोग इसका पूरजोर तरीके से जवाब देंगे।

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