दिल्ली अध्यादेश पर एक्शन में सुप्रीम कोर्ट, केंद्र को जारी किया नोटिस
दिल्ली में नौकरशाही पर नियंत्रण के लिए लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश को केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में सर्विसेज पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई। बता दें कि दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अध्यादेश पर रोक की मांग की है।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं। सीजेआई ने विस्तार से सुनवाई की जरूरत बताते हुए 2 हफ्ते बाद सुनवाई की बात कही. कोर्ट ने उपराज्यपाल के वकील की अनुरोध पर उन्हें भी मामले में पक्ष बनाया।
आखिर क्या है केंद्र का अध्यादेश? दरअसल केंद्र सरकार के अध्यादेश के तहत दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती से जुड़ा आखिरी फैसला लेने का हक उप राज्यपाल को दिया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अध्यादेश 2023 के तहत दिल्ली में सेवा देने वाले दानिक्स कैडर के ग्रुप ए के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित किया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली की आप सरकार आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार एलजी के माध्यम से उसे काम नहीं करने देती है।
जिसके बाद आप सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जहां सुप्रीम कोर्ट ने बीती 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया और साफ किया था कि दिल्ली सरकार ही दिल्ली के नौकरशाहों के तबादले और उनकी तैनाती कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आप पार्टी ने अपनी जीत बताया था, वहीं उनकी ये खुशी ज्यादा दिन नहीं रही क्योंकि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अध्यादेश, 2023 ले आई।
दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में कहा कि नई व्यवस्था में दो अधिकारी मिलकर मुख्यमंत्री की बात को काट सकते हैं। उसके बाद मामला उपराज्यपाल को भेज दिया जाएगा, जो सुपर सीएम जैसे हैं। इस पर रोक लगानी जरूरी है।
सिंघवी ने कहा कि इसी अध्यादेश के आधार पर 471 ऐसे लोगों को पद से हटा दिया गया है जिनमें से कई ऑक्सफोर्ड जैसे विश्विद्यालय से शिक्षित हैं। इस पर भी सुनवाई हो। सारी दलीलें सुनने के बाद सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले पर 17 जुलाई को सुनवाई करेंगे। अध्यादेश पर 2 हफ्ते बाद सुनवाई होगी और 400 से ज्यादा लोगों को नौकरी से लोगों को हटाने के मामले पर अगले सोमवार को सुनवाई होगी।