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Supreme Court: मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड पर कोर्ट को सरकार का जवाब

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Supreme Court: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार, 30 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय को बताया कि जिस स्कूल शिक्षक ने कथित तौर पर छात्रों को एक मुस्लिम सहपाठी को थप्पड़ मारने के लिए उकसाया था, उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 295A के तहत आरोप का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि आईपीसी की धारा- 295A में कहा गया है कि किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया कोई भी जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य दंडनीय अपराध है।

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Supreme Court: गृह विभाग की ओर से पेश हुए केएम नटराज

मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज आज इस केस में यूपी पुलिस और राज्य के गृह विभाग की ओर से पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि शिक्षक के खिलाफ आईपीसी की धारा- 295ए लगाई जा रही है। सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि आईपीसी की धारा- 153ए (जो विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है) के स्थान पर इस प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।

प्रदेश की सरकार से मंजूरी का इंतजार

कोर्ट को बताया गया कि आईपीसी की धारा- 295ए के तहत मामले को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी का इंतजार है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और पंकज मिथल की बेंच ने राज्य को इस पहलू पर तुरंत निर्णय लेने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस विषय पर सरकार को तुरंत निर्णय लेने का निर्देश दिया गया। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह पीड़ित छात्र और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंसेज जैसे संस्थानों से एक्सपर्ट को शामिल करने पर विचार कर रहा है।

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