अब दिल्ली वासियों की पॉल्यूशन से नहीं फूलेगी सांस, लागू किया जाएगा GRAP

हर साल की तरह दिल्ली में एक बार फिर पॉल्युशन की दस्तक(Pollution knock once again in Delhi) हो चुकी है। दीवाली से पहले ही दिल्ली की हवा में जहर सा घुलने लगा है। दिल्ली की दूषित हवा ने अभी से ही लोगों का दम घोटना शुरू कर दिया है। राजधानी दिल्ली में अभी से ही प्रदूषण का लेवल हाई होता नजर आ रहा है तो पता नहीं दीवाली में तो क्या ही हाल होगा। वहीं सेंट्रल पॉल्युशन बोर्ड ने दिल्ली की दूषित हवा को लेकर रिपोर्ट पेश करते बताया कि सोमवार से लगाकर मंगलवार तक दिल्ली का AQI 418 दर्ज किया गया।
बढ़ते पॉल्युशन को लेकर दिल्ली-एनसीआर में लागू हो सकता GRAP
सेंट्रल पॉल्युशन बोर्ड(Central Pollution Control Board) ने बताया कि दिल्ली की हवा में अभी से ही भारी प्रदूषण देखा जा रहा है आनंद विहार की स्थिति तो और भी ज्यादा बदतर है। इस बढ़ते हुए भारी प्रदूषण ने दिल्ली वासियों की चिंता अभी से ही बढ़ा दी है कहा ये भी जा रहा है कि अभी ये पॉल्यूशन और भी बढ़ सकता है। अभी से ही दिल्ली में प्रदूषण का लेवल इतना हाई है तो पता नहीं दीवाली पर क्या हाल होगा। खासकर उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है जिनको फेफड़ों, अस्थमा और हृदय रोगों जैसी स्वास्थय संबंधी बीमारियां हैं। हवा में प्रदूषण के लेवल को कम करने के लिए दिल्ली-एनसीआर में अब ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP को लागू करने की तैयारी चल रही है जो कि 1 अक्टूबर से लागू किया जा सकता है। इसके लागू होते ही इलाके में कई पाबंदियां भी लगा दी जाएंगी।
बारिश के बाद दिल्ली में बढ़ा पॉल्युशन का खतरा
बारिश के बाद से दिल्ली की हवा में प्रदूषण दिखाई देने लगा है केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 130 रहा। सोमवार की तुलना में मंगलवार को हवा में थोड़ा साफपन देखा गया था लेकिन आगे की सावधानी के लिए और दिल्लीवासियों को स्वस्थ हवा मिल सके इसको लेकर कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP को लागू करने की तैयारियों को शुरू कर दिया है। GRAP को पर्यावरण मंत्रालय(Ministry of Environment) ने 2017 में नोटिफाइड किया था। इसे 15 अक्टूबर से लागू किया जाता है लेकिन इस बार ज्यादा बिगड़ते हालात को देखते हुए CAQM के निर्देशों के तहत इसे 15 दिन पहले से भी लागू किया जा सकता है। जिससे हवा में प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों को रोका जा सके।