Advertisement

DERC अध्यक्ष की नियुक्ति को SC में चुनौती देगी केजरीवाल सरकार, आतिशी बोलीं – ‘ये लोकतंत्र की हत्या’

Share
Advertisement

राजधानी दिल्ली में अब दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के अध्यक्ष को लेकर जंग छिड़ गई है। केंद्र सरकार ने जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाला अध्यादेश जारी किया था तो कल रात एक राजपत्र जारी किया है। केंद्र का ये राजपत्र विद्युत आयोग के चेयरमैन से जुड़ा है। आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विद्युत आयोग के चेयरमैन के लिए एलजी वीके सक्सेना को फाइल भेजी थी। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए नाम पर कोई विचार नहीं किया और कल यानी बुधवार (21 जून) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को डीईआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पूरे मामले को लेकर आज यानी गुरूवार (22 जून) को दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने प्रेस वार्ता की है। उन्होंने केंद्र सरकार के राजपत्र को गैर कानूनी और गैर संवैधानिक बताया है।

Advertisement

आतिशी ने कहा कि ‘लोकतंत्र की हत्या करने के लिए एक और हमला दिल्ली की चुनी हुई सरकार पर किया। कल देर रात, रात के अंधेरे में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने ये राजपत्र निकाला और डीईआरसी (Delhi Electricity Regulatory Commission) के चेयरमैन को दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सिफारिश के खिलाफ नियुक्त किया। ये जो नियुक्ति डीईआरसी के चेयरमैन की हुई है ये न सिर्फ गैर कानूनी है, ये गैर संवैधानिक है और ये फैसला दिल्ली के लोगों के खिलाफ लिया गया है।’

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की क्या क्या ताकत है। चुनी सरकार के हाथ में क्या आता है और केंद्र की सरकार के हाथ में क्या आता है। ये मामला पिछले कई सालों से सुप्रीम कोर्ट में लड़ा जा रहा है। एक चीज जो बार-बार सुप्रीम कोर्ट ने कही है वो ये है लैंड, लॉ एंड ऑर्डर और पुलिस के मुद्दों को छोड़कर जो बाकी सारे विषय हैं, जिन्हें ट्रांसपर्ट विषय कहा जाता है, उन पर केंद्र सरकार को चुनी हुई सरकार के फैसले को मानना पड़ेगा।

आतिशी ने यह भी बताया कि ‘दिल्ली सरकार ने विद्युत आयोग के चेयरमैन के लिए किस नाम की सिफारिश की और केंद्र ने किसे चेयरमैन का पद सौंपा है। उन्होंने बताया कि 21 जून की सुबह दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने डीईआरसी के लिए एलजी साहब को एक सिफारिश भेजी। जस्टिस संदीप लोधा, जो राजस्थान हाईकोर्ट से रिटायर्ड हुए हैं, उनके नाम को मेरे द्वारा मुख्यमंत्री को और मुख्यमंत्री द्वारा एलजी साहब को फाइल भेजी गई लेकिन दिल्ली की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के फैसले को ना मानते हुए कल रात को 10 बजे जस्टिस उमेश कुमार भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने डीईआरसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया।’

आतिशी ने कहा है कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘ये जो राजपत्र रात के अंधेरे में गैर संवैधानिक तरीके से लाया गया है। ये दिल्ली के इलेक्ट्रीसिटी सेक्टर को ध्वस्त करने के लिए लाया गया है। दिल्ली में फ्री बिजली बंद हो जाए इसके लिए लाया गया है। दिल्ली में देश की सबसे महंगी बिजली मिले इसलिए लाया गया है। लेकिन मैं दिल्ली वालों को अरविंद केजरीवाल की तरफ से आश्वासन देना चाहती हूं कि जिस तरह आठ साल से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ संघर्ष करके हमने दिल्ली वालों के काम करवाएं हैं। उसी प्रकार इस गैर कानूनी राजपत्र के खिलाफ भी हम लड़ाई लड़ेंगे। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ केस दर्ज करेंगे।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें