कार्ति चिदंबरम पहुंचे ED दफ्तर, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला
Money Laundering Case: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। ये बात कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है। बता दें कि यह मामला साल 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़ा है। एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद का बयान दर्ज किया। सांसद कार्ति चिदंबरम ने पहले कहा था कि ईडी की जांच “मछली पकड़ने और घूमने” वाली जांच थी और उन्होंने पहले एजेंसी को दस्तावेज सौंपे थे। उन्होंने दस्तावेज़ एकत्र करने के लिए और समय मांगा क्योंकि वह 12 दिसंबर और 16 दिसंबर को उपस्थित नहीं हुए थे।
Money Laundering Case: पिछले साल मारा था छापा
पिछले साल सीबीआई ने चिदम्बरम के घर पर छापा मारा था और चिदम्बरम के करीबी एस भास्कररमन को गिरफ्तार किया था। ईडी का मामला वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष कार्यकारी द्वारा कार्ति और भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोपों से जुड़ा है। सीबीआई के आरोपों के मुताबिक, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था।
Money Laundering Case: प्रोजेक्ट वीजा जारी करने की मांग
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख का आदान-प्रदान किया गया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि मानसा स्थित बिजली संयंत्र में काम करने वाले चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने के लिए टीएसपीएल के तत्कालीन एसोसिएट उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने भास्कररमन से संपर्क किया था।
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