Advertisement

Journalist Right: मीडिया कर्मियों के फोन को जब्त करना है गंभीर मामला, चाहिए आवश्यक दिशार्निर्देश

Share
Advertisement

Journalist Right: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 07 अक्टूबर को कहा कि व्यक्तियों, विशेषकर पत्रकारों या मीडिया कर्मियों के फोन या अन्य डिजिटल उपकरणों की तलाशी और जब्ती को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश होने चाहिए। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि मीडिया पेशेवरों के उपकरणों में उनके स्रोतों के बारे में गोपनीय जानकारी या विवरण हो सकते हैं। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कौल ने मौखिक रूप से कहा, “देखिए ये मीडिया पेशेवर हैं, उनके फोन पर स्रोत, संपर्क होंगे। इसलिए जांचे के लिए कुछ दिशानिर्देश होने चाहिए। यह गंभीर है।”

Advertisement

Journalist Right: हैश वैल्यू होगा देना

मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायमूर्ति धूलिया ने इशारा करते हुए कहा, “उन्हें आपको (जब्त डिवाइस का) हैश वैल्यू देना होगा।” मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जवाब दिया कि अधिकारियों को ऐसे उपकरणों की जांच करने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, “लेकिन ऐसे राष्ट्र-विरोधी भी हैं जो… हमें पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता। मीडिया कानून से ऊपर नहीं हो सकता।”

दिशानिर्देश बनाने की है जरूरत

सरकार के पक्ष पर न्यायालय ने कहा कि यह खतरनाक होगा यदि सरकार को किसी दिशानिर्देश के अभाव में ऐसे मुद्दों पर व्यापक अधिकार दिए जाते हैं। न्यायालय ने केंद्र सरकार को यह सुझाव देने के लिए एक महीने का समय दिया कि डिजिटल उपकरणों की ऐसी जब्ती को नियंत्रित करने के लिए क्या दिशानिर्देश बनाए जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार को आवश्यक दिशानिर्देश तैयार करने में भूमिका निभानी होगी।

ये भी पढ़ें- Air Pollution: सभी राज्य के मुख्य सचिवों को नोटिस, उठाए जरूरी कदम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *