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‘मैं आपकी चुनौतियों से डरता नहीं हूं’, राज्यसभा से निलंबित होने पर राघव चड्ढा का BJP पर हमला

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा सदन से निलंबित कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड कर दिया गया है। राघव चड्ढा पर फर्जी साइन करवाने का आरोप लगा था, जिसके बाद विशेषाधिकार समिति को ये मामला भेजा गया था। अब इस पूरे मामले पर राघव चड्ढा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अपना वीडिया साझा किया है।

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राघव चड्ढा ने कहा कि मुझे राज्यसभा से आज निलंबित कर दिया गया है। मुझे क्यों निलंबित किया, मेरा क्या अपराध है? क्या मेरा ये अपराध है कि मैंने संसद में खड़े होकर सबसे बड़े नेताओं से सवाल पूछा? क्या मेरा ये अपराध कि मैंने दिल्ली सेवा बिल पर अपनी बात रखते हुए बीजेपी के सबसे बड़े नेताओं से न्याय की मांग की है। उन्हें, उन्हीं का पुराना मेनिफेस्टो दिखाकर वादे पूरे करने को कहा। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आइना दिखाया और आज की बीजेपी को अडवाणीवादी और वाजपेयीवादी होने की बात कही। क्या इन्हें ये दर्द सताता है कि कैसे ये 34 साल का युवा संसद में खड़ा होकर हमें ललकारता है और हम पर सवाल दागता है।

आप सांसद ने आगे कहा कि ये बहुत शक्तिशाली लोग हैं। ये लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। सदन के अंदर विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता है। नेता विपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है। इसी मानसून सत्र में तीन आम आदमी पार्टी के सांसदों को सस्पेंड किया गया है। पहली बार शायद भारत के इतिहास में देखा गया होगा कि सदन में विपक्ष के सबसे बड़े नेता को निलंनबित कर दिया। ये लोग चाहते हैं कि कोई भी आवाज न उठाए। कोई भी इनसे सवाल न पूछे हर शख्स को सस्पेंड कर दो। मैं शहीद-ए-आजम भगत सिंस की धरती से आता हूं। पूरी मजबूती से प्रीविलेज कमिटी के सामने अपना पक्ष रखूंगा और न्याय की मांग करूंगा।

राघव चड्ढा ने भाजपा पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग जिस प्रकार से राहुल गांधी जी की सदस्यता ले सकते हैं। कल को ये आम आदमी पार्टी के किसी भी सांसद की सदस्यता रद्द कर सकते हैं। बीजेपी जिस आरोप के लिए मुझे दोषी कह रही है, वो तो अपराध कहीं रूलबुक में लिखा ही नहीं हुआ। बीजेपी के लोग ये कह रहे हैं कि मैंने किसी सांसद के दस्तखत सदन में जमा कर दिए।

उन्होंने कहा कि मैं आपको सत्य बताना चाहूंगा। सत्य ये है कि किसी भी सांसद को किसी भी समिति में एक नाम प्रस्तावित करने की छूट होती है यानी मैं एक सिलेक्ट कमिटी के गठन के लिए कुछ सांसदों को नाम सुझा सकता हूं। इसमें किसी सांसद के सिग्नेचर की जरूरत नहीं पड़ती। आपको केवल नाम देने हैं। अगर किसी सांसद को आपत्ति है तो वो अपना नाम वापस ले सकता है। कहीं पर भी न सिग्नेचर लिए जाते हैं और न जमा करे जाते हैं और न हमने कोई सिग्नेचर जमा कराए। लेकिन फिर भी इन लोगों को मुझे पर किचड़ उछालने का एक मौका मिल गया है। मैं इन्हें कहना चाहता हूं कि मैं आपकी इन चुनौतियों से डरता नहीं हूं। अंत तक आपसे लड़ाई लड़ूंगा।

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